शादी का वादा कर संबंध बनाने पर 10 साल जेल, गैंगरेप के मामलों में फांसी... नए क्रिमिनल लॉ में महिलाओं के लिए क्या बदलेगा?
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कौन सा कृत्य अपराध है और उसके लिए क्या सजा होगी? आईपीसी में इसका प्रावधान है. अब 1 जुलाई से आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू हो जाएगी. इसमें कई सारी नई धाराएं जोड़ी गई हैं और कई सजाओं को सख्त किया गया है. जानते हैं कि महिलाओं के लिए बीएनएस में क्या-क्या है?
तीन नए क्रिमिनल लॉ लागू होने जा रहे हैं. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया है कि एक जुलाई से तीनों नए कानून लागू हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ सुधार होना चाहिए. लोगों को समय पर इंसाफ नहीं मिल रहा था. सिस्टम में समस्याएं थीं, इसलिए बदलाव किए जा रहे हैं.
नए कानून लागू होने के बाद 1860 में बनी आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता, 1898 में बनी सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा. इन तीनों के सिर्फ नाम ही नहीं बदलेंगे, बल्कि बहुत कुछ बदल जाएगा.
कौन सा कृत्य अपराध है और उसके लिए क्या सजा होगी? ये आईपीसी से तय होता है. अब इसे भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा. आईपीसी में 511 धाराएं थीं. भारतीय न्याय संहिता में 356 होंगी.
इन नए कानूनों के लागू होने के बाद काफी कुछ बदल जाएगा. भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं से जुड़े अपराधों में भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है.
महिलाओं के लिए क्या कुछ बदल जाएगा?
आईपीसी में धारा 375 में रेप को परिभाषित किया गया है, जबकि 376 में इसके लिए सजा का प्रावधान है. जबकि, भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 में रेप की परिभाषा दी गई है और 64 से 70 में सजा का प्रावधान किया गया है.
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