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शह-मात का खेल, एयरस्ट्राइक और अब आर-पार... ईरान को रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे क्यों है इजरायली हाथ होने का शक?
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ईरान के प्रेसिडेंट रईसी समेत कई वीवीआईपीज को लेकर उड़ान भर रहा ईरान का हेलीकॉप्टर ईरानी शहर तबरेज से करीब 50 किलोमीटर दूर वर्जेकान शहर के नजदीक पहाड़ी इलाकों में गुम हो जाता है. शुरुआती खबर उनके हेलीकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग की सूरत में आती है. लेकिन हकीकत कुछ और थी.
क्या ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (President Ibrahim Raisi) के हेलीकॉप्टर को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने मार गिराया? ये सवाल इसलिए क्योंकि ईरान और इज़रायल के रिश्ते इन दिनों सबसे खराब दौर से गुज़र रहे हैं. इजरायल पर हुए हमास के हमले को लेकर दोनों देश पहले ही आमने-सामने हैं. और अब जिन हालात में रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है, वो सवालों के घेरे में आ गया है. तो आइए समझते हैं कि इस क्रैश को लेकर मोसाद पर शक करने की वो वजहें क्या-क्या है? और अगर ये सच है तो इसके मायने क्या हो सकते हैं?
रविवार शाम 7.00 बजे वर्जेकान, ईरान ईरान के प्रेसिडेंट रईसी समेत कई वीवीआईपीज को लेकर उड़ान भर रहा ईरान का हेलीकॉप्टर ईरानी शहर तबरेज के करीब 50 किलोमीटर दूर वर्जेकान शहर के नजदीक पहाड़ी इलाकों में गुम हो जाता है. शुरुआती खबर उनके हेलीकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग की सूरत में आती है. बताया जाता है कि खराब मौसम की वजह से रईसी के हेलीकॉप्टर की पहाड़ी इलाके में हार्ड लैडिंग हुई है. लेकिन प्रेसिडेंट और उनके हेलीकॉप्टर को ढूंढने की कोशिशें जारी हैं. लेकिन धीरे-धीरे उनके सलामती की उम्मीदें कमज़ोर पड़ने लगती हैं.
16 घंटों की मशक्कत और खौफनाक तस्वीर और फिर करीब 16 घंटों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ईरानी और टर्किश सर्विलांस टीमों को ऐसी तस्वीर नजर आती हैं, जो बेहद भयावह है. ईरान और तुर्किये की न्यूज एजेंसियां खबर देती हैं कि ड्रोन फुटेज में ईरानी प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का मतलबा दिखाई दे रहा है और मलबे और उससे उठते धुएं को देख कर उसमें किसी साइन ऑफ लाइफ के यानी किसी के जिंदा बचाने की उम्मीद नहीं के बराबर है. पहली बार तुर्किए के सर्विलांस ड्रोन ने ही हीट सेंसर से इस मलबे का पता लगाया.
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 73 टीम ये हादसा अज़रबैजान ईरान सीमा पर मौजूद अरासबरान के जंगलों में हुआ, जिसे नुकीली पहाड़ी चोटियों के लिए जाना जाता है. और इन दिनों इस इलाके में मौसम बेहद ठंडा और धुंध से भरा है. यानी विजिब्लिटी की घनघोर कमी है. खतरनाक पहाड़ी इलाके और मौके की नजाकत को देखते हुए हार्ड लैंडिंग की खबर आने के साथ ही ईरान ने अपने 73 अलग-अलग टीमों को मौका-ए-वारदात पर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रवाना कर दिया.
रेड क्रिसेंट ने दी क्रैश में मारे गए लोगों की खबर उधर, ईरान के दोस्त रूस ने पहाड़ी इलाकों में सर्च ऑपरेशन के एक्सपर्ट माने जाने वाले 50 लोगों की एक रेस्क्यू टीम को मौका-ए-वारदात के लिए रवाना किया. अलग-अलग डिटेक्शन डिवाइस और डिटेक्टर डॉग्स के साथ इन टीमों ने घंटों की मशक्कत के बाद आखिर मौका-ए-वारदात पर पहुंचने में कामयाबी हासिल कर ली और इसी के साथ मलबे से लाशों को निकालने का सिलसिला शुरू हो गया. मानवाधिकार के लिए काम करने वाली ईरानी संस्था रेड क्रिसेंट ने हादसे के बारे में जानकारी दी और कन्फर्म किया इस हेलीकॉप्टर क्रैश में उसमें सवार सारे के सारे नौ लोग मारे गए.
हादसा या साजिश? लेकिन ये तो रही ईरानी प्रेसिडेंट के हेलीकॉप्टर क्रैश और उसके रेस्क्यू ऑपरेशन की कहानी. आगे की कहानी ये है कि इस हादसे को सिर्फ के एक हादसा नहीं बल्कि शक की निगाह से भी देखा जाने लगा है. क्योंकि ईरान के इज़रायल के साथ इन दिनों रिश्ते बेहद खराब हैं. ऐसे में इस वारदात के पीछे कोई साज़िश हो या ना हो, सोशल मीडिया से लेकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर लोग प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी की मौत के लेकर इज़रायली खुफिया एजेंसी को शक भरी निगाहों से देखने लगे हैं. सवाल ये है कि क्या मोसाद ने ही ईरानी प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश करवा दिया?
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