शनि ढैय्या और साढ़े साती को शांत करने के लिए ये दिन है खास, 1 मार्च की शाम ये कार्य करने से दूर होंगे शनि दोष
ABP News
शनिदेव को सभी ग्रहों में न्यायधीश और कर्मफलदाता की उपाधी प्राप्त है. व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब शनिदेव रखते हैं और उन्हीं के मुताबिक व्यक्ति को शुभ-अशुभ फल मिलते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि ग्रह (Shani Grah) को सबसे क्रूर माना गया है. शनिदेव (Shani Dev) को सभी ग्रहों में न्यायधीश और कर्मफलदाता की उपाधी प्राप्त है. व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब शनिदेव रखते हैं और उन्हीं के मुताबिक व्यक्ति को शुभ-अशुभ फल मिलते हैं. शनि की क्रूर दृष्टि से इंसान ही नहीं देवता भी डरते हैं. शनि की क्रूर दृष्टि जब व्यक्ति पर पड़ती है, तो उसे तबाह कर देती है. इतना ही नहीं, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के चलते उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
शनिदेव ने भगवान शिव की पूजा (Bhagwan Shiv Puja) की थी, जिससे प्रसन्न होकर शिव जी (Shiv Ji) ने उन्हें सभी ग्रहों में विशेष स्थान दिया था. मान्यता है कि शनिदेव (Shani Dev) की कुदृष्टि से बचने के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करने से शनि शांत हो जाता है आइए जानें.