वो जादुई चीज़ जिसकी सबको ज़रूरत है, लेकिन वो ख़त्म हो रही है
BBC
जलवायु परिवर्तन, पूंजीवाद और बीमारियाँ दुनिया भर के रबड़ के पेड़ों के लिए ख़तरा बन गई हैं. लिहाज़ा रबड़ के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश तेज़ करने का वक़्त आ गया है.
प्राकृतिक रबड़ में एक ख़ास मज़बूती, लचीलापन और जलरोधी (वाटरप्रूफ) गुण होता है. यह हमारी गाड़ियों के टायर बनाने के काम आता है. इससे हमारे जूतों के तले बनते हैं. इंजिन और रेफ़्रिजरेटर के सील बनाने से लेकर तारों और बिजली के दूसरे कंपोनेंट को इन्सुलेट करने के लिए रबड़ का ही इस्तेमाल होता है. कंडोम, कपड़े, स्पोर्ट्स बॉल और मामूली इलास्टिक बैंड बनाने में भी इसी की ज़रूरत पड़ती है. पिछले एक साल के दौरान इसकी अहमियत और बढ़ गई है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर और नर्सों की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली पीपीई किट भी इसी से बनते हैं. दरअसल रबड़ अब अंतरराष्ट्रीय महत्व का ऐसा कमोडिटी बन चुका है कि यूरोपियन यूनियन को इसे बेहद महत्वपूर्ण कच्चे माल की सूची में शामिल करना पड़ा है. लेकिन दुर्भाग्य से अब दुनिया भर में इसकी क़िल्लत पैदा होने के संकेत मिलने लगे हैं. बीमारियां, जलवायु परिवर्तन और रबड़ की गिरती क़ीमतों ने इसकी सप्लाई को ख़तरे में डाल दिया है.More Related News