
वैक्सीन देने के अलग-अलग मेथड क्या हैं? असर में भी होता है अंतर?
The Quint
Why Some vaccines are injected into muscle, some are given orally. What difference does it make to our immune response? क्यों कुछ वैक्सीन को इंजेक्ट किया जाता है, कुछ को ओरल दिया जाता है. इससे हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर क्या फर्क पड़ता है?
वैक्सीन (Vaccine) शब्द सुनते ही आपमें से कई लोग आंखें मींच लेते होंगे क्योंकि दिमाग में बांह के अंदर जाती सूई की तस्वीर उभरती है. लेकिन वैक्सीन लगाने का एकमात्र यही तरीका नहीं है.वैक्सीनेशन के अलग तरीके कई चीजों को प्रभावित कर सकते हैं कि ये किस तरह के इम्यून सेल्स का सामना करेगी, वैक्सीन से जुड़े दुष्प्रभाव साथ ही वैक्सीन का वितरण करना कितना आसान होगा- विशेष रूप से कम-संसाधन वाले सेटिंग्स में.सफल वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के लिए वैक्सीन किस तरह से लगाई जाएगी और इसकी डिलीवरी एक प्रमुख कारक है. यहां हम इसी के बारे में बात करेंगे. वैक्सीन देने के अलग-अलग तरीके क्यों हैं? और क्या इससे असर में भी अंतर होता है?इंजेक्टेड वैक्सीन (INJECTED VACCINES)इंजेक्टेड वैक्सीन वो वैक्सीन हैं जो सुई के जरिये दी जाती हैं, लेकिन शरीर के किस हिस्से में दी जाएगी, ये मायने रखता है.इंट्रामस्क्युलर (Intramuscular): अधिकांश वैक्सीन को मोटे मांसल मांसपेशियों के टिश्यू में इंजेक्ट किया जाता है- आमतौर पर ये हमारी बांह, जांघ या नितंबों की मांसपेशी होती हैं. इनमें बहुत सारे ब्लड वेसल्स होते हैं, इसका मतलब है कि वैक्सीन सर्कुलेशन के साथ शरीर में फैल जाता है, साथ ही इम्यून सेल्स(Immune cells) जिन्हें एंटीजन-प्रेजेंटिंग कोशिकाएं कहा जाता है, में अपेक्षाकृत जल्दी पहुंच जाता है.ये सेल्स वैक्सीन की स्थायी सुरक्षात्मक प्रतिक्रियाओं का जरिया बनती हैं.इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन में इंजेक्शन लगने वाली जगह पर हल्का दर्द और त्वचा के लाल हो जाने के अलावा बहुत कम गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं. फिर भी, वे आमतौर पर सिर्फ प्रशिक्षित हेल्थ प्रोफेशनल्स द्वारा नसों या ब्लड वेसल्स को नुकसान से बचाने के लिए दिए जाते हैं.सबक्यूटेनियस (Subcutaneous): कुछ वैक्सीन को त्वचा के नीचे फैट की परत में इंजेक्ट किया जाता है. इसमें मांसपेशियों की तुलना में कम ब्लड वेसल्स होती हैं, इसका मतलब ये हुआ कि वैक्सीन धीमी लेकिन स्थिर गति से शरीर में पहुंचती है. इस वजह से ये तरीका ग्रोथ हार्मोन या इंसुलिन जैसी दवाओं के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है क्योंकि शरीर को इनकी कम डोज की लेकिन लगातार डिलीवरी की जरूरत होती है. हालांकि लाइव वैक्सीन, जैसे MMR और येलो फीवर, और कुछ इनएक्टिवेटेड वैक्सीन, जैसे मेनिंगोकोकल पॉलीसेकेराइड ...More Related News