वेतन और पेंशन हासिल करना कर्मचारियों का मौलिक अधिकार: दिल्ली हाईकोर्ट
The Wire
दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस याचिका ख़ारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने कर्मचारियों कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए और समय देने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि वेतन और पेंशन पाना यह संविधान के अंतर्गत जीवन और आज़ादी के अधिकार के तहत आता है. यह निगम पर है कि वह अपने कर्मचारियों को भुगतान का रास्ता तलाश करे.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी (उत्तरी दिल्ली नगर निगम) की याचिका खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि वेतन और पेंशन हासिल करना कर्मचारियों या सेवानिवृत्त कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है. निगम ने कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए और समय देने की मांग की थी. हाईकोर्ट की पीठ ने फंड की कमी का मुद्दा उठाने और अखबारों में रोज पूरे पन्ने के नेताओं के विज्ञापन दिए जाने को लेकर भी सवाल उठाया कि पैसा कहां से आ रहा है. इस समय प्रचार पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं, (जबकि वेतन बकाया है) क्या यह अपराध नहीं है. पीठ ने कहा, आप प्रचार पर पैसा खर्च कर रहे हैं. इन कर्मचारियों का वेतन भुगतान सुनिश्चित कर आप ज्यादा ख्याती पाओगे. अदालत ने कहा कि मामले में अब 27 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने निगम की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें सभी सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के बकाया भुगतान के लिए समयसीमा 5 अप्रैल से बढ़ाकर 30 अप्रैल करने का अनुरोध किया गया था.More Related News