विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मरने वालों की संख्या-चादरें छिपाते तंत्र की प्रतिबद्धता
The Wire
मुर्दे इतने अधिक हो गए कि लाशों को ठिकाने लगाने का सिस्टम बैठ गया. अब वे हिसाब मांगेगी. मृत्यु का, आंसू का, असहाय और अकेले पड़ने का, लुटने का, अस्पताल से लेकर अंतिम यात्राओं तक अपना आत्म सम्मान खोने का. जितना ढंकेंगे, चुप कराएंगे, झूठ बोलेंगे, सच उतना ही साफ होकर सामने आता जाएगा.
सिस्टम शब्द जानबूझकर इस लेख में नहीं लिखा गया है. वह एक सुंदर शब्द है. इस देश का सिस्टम बहुत सारे लोगों ने बहुत जतन और प्यार से संजोया है. न किया होता तो न इतने अस्पताल होते, न इतने डॉक्टर, न इतनी सारी मनुष्यता. पर शिश्टम हमेशा की तरह राजधर्म से फिर भटकता रहा और प्रजा को मूल विषय से भटकाता रहा. अपना देश भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा वैक्सीन बनाने वाला देश है. अपना देश भारत दुनिया में वैक्सीन के लिए सबसे ज़्यादा तरस रहा देश भी है. ये दो वाक्य नरेंद्र मोदी और उनके शिश्टम की क़ाबिलियत, शिक्षा, दीक्षा, कुशलता के सबसे विश्वसनीय प्रमाणपत्र हैं. और अपने देश भारत की बदनसीबी के भी. पर यही शिश्टम चाहता है कि आप यानी प्रजा उनकी वाहवाही करना न छोड़ें. जय-जयकार जारी रखें. नैरेटिव पर क़ब्ज़ा रहेगा तो देश पर भी रहेगा. दुलत्ती मार के दौड़ जाने वाला नैरेटिव शिश्टम के हाथ से निकलता जा रहा है, पर शिश्टम उसके पीछे उसे क़ाबू करने की मंशा से दौड़ा जा रहा है. शिश्टम को यक़ीन है कि वह नैरेटिव नाम के गधे की काठी पर सवार हो ही जाएगा. जैसे बचपन की सांस्कारिक चंदा मामा पत्रिका की कहानियों में राक्षस की जान किसी तोते में हुआ करती थी, शिश्टम नामक राक्षस की जान नैरेटिव नाम के तोते में बसती है.More Related News