विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 का स्वाभाविक सहयोगी : पीएम मोदी
NDTV India
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि तानाशाही, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती से उत्पन्न विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 का एक स्वाभाविक साझेदार है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘मुक्त समाज एवं मुक्त अर्थव्यवस्थाएं’ सत्र में मोदी ने अपने डिजिटल संबोधन में लोकतंत्र, वैचारिक स्वतंत्रता और स्वाधीनता के प्रति भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि तानाशाही, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती से उत्पन्न विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 (G7 summit) का एक स्वाभाविक साझेदार है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, जी-7 शिखर सम्मेलन (G7 summit) के ‘मुक्त समाज एवं मुक्त अर्थव्यवस्थाएं' सत्र में मोदी ने अपने डिजिटल संबोधन में लोकतंत्र, वैचारिक स्वतंत्रता और स्वाधीनता के प्रति भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. मोदी ने आधार, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) तीनों के माध्यम से भारत में सामाजिक समावेश और सशक्तीकरण पर डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्रांतिकारी प्रभाव को भी रेखांकित किया. विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (आर्थिक संबंध) पी हरीश ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मुक्त समाजों में निहित संवेदनशीलताओं का जिक्र किया और प्रौद्योगिकी कंपनियों तथा सोशल मीडिया मंचों का आह्वान किया कि वे अपने उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित साइबर परिवेश सुनिश्चित करें.More Related News