'विपक्ष... विपक्ष में रहने का मन बना चुका है', BJP संसदीय बोर्ड की बैठक में बोले PM मोदी
AajTak
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- कुछ लोग एकजुट हो रहे हैं और उनका इरादा बीजेपी को हटाने का है. लेकिन दूसरी तरफ हम देशभक्त हैं ...जो भारत की भलाई के लिए काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वे पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में अपनी हार से बौखला गए हैं और इसलिए हताशा में संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं. उन्होंने ये टिप्पणी आज सुबह बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए की. पीएम ने बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में संसद की सुरक्षा में हुए गंभीर उल्लंघन पर भी अपनी चिंताएं जाहिर कीं.
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने पार्टी के संसदीय बोर्ड को संबोधित करते हुए कहा, 'आने वाले दिनों में, चाहे अन्य लोग भाग ले रहे हों या नहीं, हमें संसद में भाग लेना ही होगा. इस सत्र में जिन विधेयकों पर विचार किया जाना है उनमें से कुछ बेहद महत्वपूर्ण हैं. हमें उन विधेयकों पर सदन में होने वाली चर्चा सुननी चाहिए. अच्छा होता अगर विपक्ष उन पर बहस में हिस्सा लेता. लेकिन शायद अच्छे कर्म उनके भाग्य में नहीं हैं'.
'संसद सुरक्षा चूक मामले को राजनीतिक रंग दे रहा विपक्ष'
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की सुरक्षा में हुए उल्लंघन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'हाल ही में संसद में जो कुछ भी हुआ, लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले लोग इस तरह के कृत्य को स्वीकार नहीं करेंगे. इस कृत्य की निंदा की जानी चाहिए थी. हालांकि, दुर्भाग्य से मैं जो देख रहा हूँ वह यह है कि विपक्ष हाल के चुनावों में हुई अपनी हार की हताशा को उजागर कर रहा है और पूरे कृत्य को राजनीतिक रंग दे रहा है. वे उनके कृत्य को मौन और अप्रत्यक्ष समर्थन भी दे रहे हैं और यह चिंताजनक है'.
'लोकतंत्र की सीमा में रहते हुए विपक्ष को बेनकाब करना करें'
उन्होंने कहा कि विपक्ष का इस कृत्य को समर्थन देना और ऐसी बातें कहना कि वे और क्या कर सकते थे, चिंताजनक और निंदनीय है. पीएम मोदी ने कहा, 'विपक्ष की हरकत से साफ पता चलता है कि विपक्ष ने विपक्ष में रहने का मन बना लिया है और वह इसके लिए प्रयास भी कर रहा है. देश ने भी उन्हें विपक्ष में रखने का मन बना लिया है और शायद वे जहां खड़े हैं वहां से भी पीछे धकेल दिए जाएंगे. हमें खुद के आचरण को नियंत्रण में रखते हुए और लोकतंत्र की सीमा में रहते हुए विपक्ष को बेनकाब करना चाहिए'.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.