विपक्ष ने सीबीआई-ईडी पर अध्यादेशों को लेकर सरकार को संसद में घेरने का संकल्प लिया
The Wire
केंद्र सरकार ने रविवार को दो अध्यादेश जारी किए जिससे सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष की जगह अधिकतम पांच साल तक हो सकता है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए संसद की अनदेखी कर रही, संविधान में तोड़-मरोड़ कर रही और ‘अध्यादेश राज’ का सहारा ले रही है.
नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) प्रमुखों का कार्यकाल विस्तारित करने के सरकार के कदम का विरोध करने का संकल्प लिया है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए संसद की अनदेखी कर रही, संविधान में तोड़-मरोड़ कर रही और ‘अध्यादेश राज’ का सहारा ले रही है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि संसद के (शीतकालीन) सत्र से महज दो सप्ताह पहले अध्यादेश लाना संसद का अनादर करना है.
विपक्षी दलों ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह उच्चतम न्यायालय के इस निर्देश की अनदेखी करने की कोशिश कर रही है कि कार्यकाल में कोई भी विस्तार संक्षिप्त अवधि के लिए होगा और जारी जांच को बढ़ाने के लिए ‘सिर्फ दुर्लभ या अपवाद वाली परिस्थितियों में ही ऐसा किया जाएगा.