वित्त वर्ष 2020-21 में 12 सरकारी बैंकों में 81,921 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी: आरटीआई
The Wire
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि कोविड-19 संकट से बुरी तरह प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ऑफ इंडिया में सबसे ज़्यादा 12,184.66 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 177 मामले सूचित किए. उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक में 10,879.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,725 मामले सामने आए हैं.
इंदौर: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक आरटीआई पड़ताल पर बताया है कि कोविड-19 संकट से बुरी तरह प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में 81,921.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 9,935 मामले सूचित किए गए. सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मिले ब्योरे के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी की यह रकम वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 44.75 प्रतिशत कम है, हालांकि, इस अवधि के दौरान देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तादाद 18 थी, जो एक अप्रैल 2020 से प्रभावी महाविलय के बाद 12 रह गई है. नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि उनकी अर्जी पर रिजर्व बैंक ने उन्हें आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी दी है कि 2019-20 में तब के 18 सरकारी बैंकों में 148,252.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 12,458 मामले सूचित किए गए थे. रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि आरटीआई अधिनियम के तहत मुहैया कराए गए आंकड़ों में शामिल धोखाधड़ी की रकम को इसे सूचित करने वाले बैंक को हुए नुकसान के बराबर नहीं माना जाना चाहिए.More Related News