वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों के बावजूद ईपीएफओ का अडानी समूह की कंपनियों में निवेश जारी
The Wire
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अडानी एंटरप्राइजेज़ और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में निवेश करना जारी रखे हुए है. वह इस साल कम से कम सितंबर तक ऐसा करना जारी रखेगा. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह की कंपनियों पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े रिटायरमेंट फंड कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अडानी समूह के दो की दो कंपनियों – अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (एपीएसईजेड) – में निवेश करना जारी रखा है. LIC की पूंजी, अडानी को! SBI की पूंजी, अडानी को! EPFO की पूंजी भी, अडानी को! कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का पैसा भी अडानी को दे दिया गया।
द हिंदू के मुताबिक, और वह इस साल कम से कम सितंबर तक ऐसा करना जारी रखेगा, जब तक कि इसके ट्रस्टी इस सप्ताह मिलने पर अपने निवेश के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार नहीं करते. ‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी, जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है? वाह दोस्त जी.. वाह
अखबार के मुताबिक, इसके न्यासियों (ट्रस्टी) के इस सप्ताह अपने निवेश के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री जी, न जांच, न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों? आपकी दोस्ती तो रोज नए गुल खिला रही है। पहले SBI, फिर LIC और अब EPFO
अडानी समूह के शेयरों में तब से गिरावट आई है जब अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें समूह की कंपनियों पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. इसमें समूह पर शेयरों में हेरफेर करने के लिए ऑफशोर फंड के अनुचित उपयोग का भी आरोप लगाया गया. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 27, 2023 पूरा देश दोस्त के नाम कर देंगे?