विजय दिवस: ‘हमें पाकिस्तान के कुछ हिस्से पर कब्जा करने की इजाजत मिलनी चाहिए थी’, बोले वीपी मलिक
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करगिल से लेकर नई दिल्ली तक जवानों को सलाम किया जा रहा है. उस जंग में पाकिस्तान को मात देने वाले तत्कालीन सेना प्रमुख वीपी मलिक ने इस मौके पर अहम बयान दिया है.
देश आज करगिल विजय दिवस की 22वीं सालगिरह मना रहा है. करगिल से लेकर नई दिल्ली तक जवानों को सलाम किया जा रहा है. उस जंग में पाकिस्तान को मात देने वाले तत्कालीन सेना प्रमुख वीपी मलिक ने इस मौके पर अहम बयान दिया है. वीपी मलिक का कहना है कि जब करगिल में भारतीय जवानों ने सफलता हासिल की, तब हमें पाकिस्तानी ज़मीन पर कब्जे की इजाजत मिलनी चाहिए थी. अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को वीपी मलिक ने बताया कि जब जंग शुरू हुई थी, तब हम सभी हैरान थे क्योंकि पाकिस्तान की ओर से एक सरप्राइज़ की तरह था. इंटेलिजेंस की कमी के कारण घुसपैठियों को लेकर काफी कन्फ्यूजन था. शुरुआती लाइन पर कुछ झटका लगा, जिसके बाद घुसपैठिए गायब हुए. वीपी मलिक ने कहा कि लेकिन कुछ वक्त बाद जब भारतीय जवान करगिल में जीत लेकर आश्वस्त हो गए थे, तब उन्हें एलओसी के पार पाकिस्तानी जमीन पर कब्जे की इजाजत मिलनी चाहिए थी. वीपी मलिक के मुताबिक, करगिल की जंग ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को पूरी तरह से बदलकर कर रख दिया. तत्कालीन सेना प्रमुख के मुताबिक, तब अटल बिहारी वाजपेयी के लिए ये बहुत बड़ा झटका था क्योंकि कुछ वक्त पहले ही वो पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे. जब ये कन्फर्म हुआ कि घुसपैठ करने वाले कोई आम घुसपैठिए नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना के लोग हैं, तब अटल बिहारी वाजपेयी ने नवाज़ शरीफ से कहा था कि आपने पीठ में छुरा घोंपा है. गौरतलब है कि मई 1999 में शुरू हुई करगिल की जंग में भारत ने पाकिस्तान को करारी मात दी थी. मई में शुरू हुई जंग जुलाई तक चली और 26 जुलाई को भारत सरकार ने अपनी जीत का ऐलान कर दिया. इसी दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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