
वाराणसी में कोरोना मौतों को लेकर राज्य सरकार और नगर निगम के आंकड़ों में अंतर
The Wire
पिछले हफ़्ते से वाराणसी नगर निगम के रिकॉर्ड और राज्य सरकार के आधिकारिक बुलेटिन के बीच गंभीर विसंगतियां नज़र आ रही हैं. बीते 13 अप्रैल को प्रशासन ने अपने कोरोना बुलेटिन में बताया कि वाराणसी में तीन मौतें हुई हैं, लेकिन नगर निगम के आंकड़े दर्शाते हैं कि हरिश्चंद्र घाट पर नौ कोरोना शवों को जलाया गया था.
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश प्रशासन पर आरोप लगे हैं कि वे कोरोना वायरस महामारी से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा नहीं बता रहे हैं. शवदाह गृहों, श्मशान घाटों, कब्रिस्तानों पर अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए लगीं लंबी लाइनें दर्शाती हैं कि सरकारी दावों की तुलना में समस्या और भयावह है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के शवदाह गृहों के आंकड़े इस चिंताजनक स्थिति की तस्दीक करते हैं. द वायर ने हरिश्चंद्र घाट, मणिकर्णिका घाट और कब्रिस्तानों के संभावित आंकड़ों के आधार पर एक आकलन किया है, जो ये दर्शाता है कि एक अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच हुईं कुल कोरोना मौतों में से करीब 50 फीसदी मौतों को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में छिपा लिया है.More Related News