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वाराणसी: मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के बीच खेली गई भस्म से होली, जानिए इसके पीछे की प्रचलित मान्यताएं
NDTV India
चिता की भस्म से होली खेलने के पीछे एक प्राचीन मान्यता है कि वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर रंग भरी एकादशी के दूसरी के दिन भगवान शंकर यहां चिता भस्म की होली खेलने आते थे.
भारत के मुख्य त्योहारों में शुमार होली का जश्न शुरू हो गया है. देशभर में होली का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हालांकि, होली मनाने के तरीके और परपंराएं देश के अधिकतर हिस्सों में काफी अलग-अलग होती हैं. होली कहीं रंगों से, कहीं फूलों से तो कहीं जलती चिताओं के बीच चिता की भस्म से खेलने का रिवाज है. वहीं, काशी में होली की शुरुआत रंगभरी एकादशी से ही हो जाती है.More Related News