वाराणसी: मंदिरों के आसपास मीट पर प्रतिबंध के बाद नए शाकाहारी व्यंजनों की बहार
BBC
लंबे समय से दुनिया के सबसे पवित्र शहरों में शुमार और भारत की आध्यात्मिक राजधानी माना जाने वाला वाराणसी शहर अब खाने के शौकीन लोगों को लुभा रहा है. यह शहर एक तरह से 'शाकाहारी लोगों का स्वर्ग' बन गया है.
कम से कम 1800 ईसा पूर्व से बसे वाराणसी शहर के बारे में बताया जाता है कि ये दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक है. साथ ही ये शहर विश्व के अनुमानित 1.2 अरब हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र शहरों में से एक है.
मंदिर के बजते घंटों के बीच यहां हर रोज़ हज़ारों भक्त शहर के 88 घाटों पर पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं.
इसके अलावा, वाराणसी के दो श्मशान घाटों (हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका) पर हर रोज़ मृतकों के शव लिए शोक संतप्त रिश्तेदार यहां आते हैं. इन दोनों घाटों पर चौबीसों घंटे चिताएं जलती रहती हैं. लोगों का मानना है कि यहां पर जिन लोगों का अंतिम संस्कार होता है, उनके कानों में स्वयं भगवान शिव तारक मंत्र (मोक्ष का मंत्र) कहते हैं. इससे मृतकों की आत्मा को तत्काल मोक्ष मिलता है.
हालांकि, वाराणसी की मेरी यात्रा की वजह इन सबसे बिल्कुल अलग थी. मैं वहां काल का सामना करने या अपनी आत्मा शुद्ध करने नहीं गई थी. इसके बजाय, शहर के अनोखे शाकाहारी व्यंजनों का आनंद लेने के लिए मैंने यहां की यात्रा की.