वायरस का खौफ, भूकंप की तबाही और कनाडा का सत्ता परिवर्तन... तूफानी रहा नए साल का पहला हफ्ता
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नए साल की शुरुआत अमेरिका में आतंकी हमले से हुई. न्यू ऑर्लिंन्स में नए साल का जश्न मना रहे लोगों को एक तेज रफ्तार पिकअप वैन ने रौंद डाला था. इस घटना में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. भीड़ को कुचलने के बाद हमलावर ने गोलियां भी चलाई थीं लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर दिया गया था.
पुराने युद्ध और पुरानी दुश्मनियों को साथ लेकर दुनिया ने इस उम्मीद से 2025 का स्वागत किया कि नया साल शांति लेकर आएगा. अब जबकि नए साल का एक हफ्ता गुजर चुका है. ऐसे में इस बीते हफ्ते में दुनियाभर में भारी हलचल देखी गई. साल की शुरुआत ही अमेरिका में हमले से हुई. दबाव के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पद से इस्तीफा दे दिया. चीन और भारत में HPMV वायरस का खौफ भी देखने को मिला, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के टकराव से तनाव चरम पर पहुंचा तो नेपाल और तिब्बत सीमा पर आए जोरदार भूकंप में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई.
नए साल की शुरुआत अमेरिका में आतंकी हमले से हुई. न्यू ऑर्लिंन्स में नए साल का जश्न मना रहे लोगों को एक तेज रफ्तार पिकअप वैन ने रौंद डाला था. इस घटना में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. भीड़ को कुचलने के बाद हमलावर ने गोलियां भी चलाई थीं लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर दिया गया था. हमलावर की पहचान टेक्सास के शम्सुद्दीन जब्बार के तौर पर की गई थी, जो आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रभावित था और उसने सोच-समझकर इस घटना को अंजाम दिया था.
इस हमले के कुछ घंटे के भीतर ही लास वेगस में ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर टेस्ला के साइबर ट्रक में ब्लास्ट हुई थी, जिसमें ड्राइवर सहित सात लोगों की मौत हो गई थी. ट्रंप की आगामी टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाले अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क ने इस घटना में ट्रंप के होटल और टेस्ला के साइबर ट्रक के जुड़े होने की वजह से इसमें गहरी साजिश की आशंका जताई थी.
इस बीते हफ्ते सबसे ज्यादा चर्चा में कनाडा और जस्टिन ट्रूडो रहे. एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप कनाडा को लेकर लगातार बयानबाजियां करते रहे. वह कनाडा को अमेरिका का 51वां स्टेट बनाने के दावे कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कभी ट्रूडो पर निशाना साधा तो कभी इस तरह की बयानबाजियां की जिससे राजनीतिक पारा बढ़ा. इन सबके बीच घरेलू मोर्चे पर भी दबाव झेल रहे ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन वह लिबरल पार्टी का नेता चुने जाने तक इस पद पर कार्यवाहक पीएम के तौर पर बने रहेंगे.
कनाडा के बाद पिछले हफ्ते वैश्विक स्तर पर जिसने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं. वह था- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच का टकराव. पाकिस्तानी सेना के लिए अफगानी तालिबान नासूर बन चुका है. पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच धधक रही आग अब विकराल रूप ले चुकी है. अफगानिस्तान पर पाकिस्तान की ओर से की गई एयरस्ट्राइक से शुरू हुआ तनाव अब बढ़ता जा रहा है. अफगान के तालिबानी लड़ाकों ने डूरंड लाइन क्रॉस कर पाकिस्तानी फौज की चौकियों को निशाना बनाया. चौकियों पर गोले बरसाए गए.
कोरोना वायरस का दंश झेलने के बाद चीन और भारत के सामने इस समय HPMV वायरस चुनौती बना हुआ है. चीन से आ रही रिपोर्ट्स से समझा जा सकता है कि वहां स्थिति बिल्कुल भी सामान्य नहीं लग रही. अस्पताल मरीजों से पटे पड़े हैं. वहीं, भारत में अब तक एचएमपीवी के सात मामले सामने आ चुके हैं. देश में इस वायरस के सबसे पहला मामला बेंगलुरु में सामने आया था. बेंगलुरु के बाद गुजरात और महाराष्ट्र में भी नवजात बच्चों में वायरस की पुष्टि हुई. केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा कि यह वायरस कोई नया नहीं है. यह आम वायरस है इस वजह से इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, सरकार ने इसे लेकर जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं.
शुरू से शुरुआत करें तो राजनीति जस्टिन ट्रूडो की नियति थी क्योंकि उनका जन्म पीएम हाउस में हुआ था. 1971 में जब दुनिया क्रिसमस का जश्न मना रही थी. प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो के घर 24 ससेक्स ड्राइव (कनाडा पीएम का आधिकारिक आवास) पर जस्टिन का जन्म हुआ. जस्टिन को गुड लुक्स, सुडौल शरीर और आकर्षक कद-काठी अपने पिता से ही विरासत में मिली है.
कनाडा की छवि दुनिया में बदल रही है. जस्टिन ट्रूडो की नीतियों ने देश को आतंकवादियों का पसंदीदा स्थान बना दिया है. अमेरिका भी चिंतित है कि आतंकवादी कनाडा से उसकी सीमा में घुस सकते हैं. कनाडा में इस्लामी आतंकवादी समूह हिज्ब उत-तहरीर की बैठक होने जा रही है, जिसमें गैर-मुस्लिम देशों को हराने की रणनीति बनाई जाएगी. VIDEO
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद खबर आ रही है कि कनाडा में जल्द ही इस्लामिक आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर एक कॉन्फ्रेंस करने करने जा रहा है. यह खलीफा कॉन्फ्रेंस 18 जनवरी 2025 को कनाडा के मिसिसॉगो में आयोजित की जाएगी. यह कॉन्फ्रेंस इस्लामिक खिलाफत की बहाली और शरिया कानून लागू करने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी.
पिछले साल 2024 में ईरान में 901 लोगों को फांसी दी गई, जिनमें 31 महिलाएं भी शामिल थीं. इनमें से अधिकांश ड्रग से संबंधित अपराधों के लिए फांसी चढ़ाए गए, जबकि कुछ राजनीतिक असंतोष और महसा अमिनी की मौत के विरोध प्रर्दशनों में शामिल थे. फांसी की सजा पाने वाली एक महिला ऐसी भी थी जिसने अपनी बेटी को रेप से बचाने के लिए पति की हत्या कर दी थी.