![वामपंथी उग्रवाद की हिंसक घटनाओं में 77% की आई कमी, गृह मंत्रालय ने संसद में दिया जवाब](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/naxal-sixteen_nine.png)
वामपंथी उग्रवाद की हिंसक घटनाओं में 77% की आई कमी, गृह मंत्रालय ने संसद में दिया जवाब
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वामपंथी उग्रवाद (LWE) से जुड़ी हिंसक घटनाओं और मौतों के मामले में गृह मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में जवाब देते हुए कहा है कि ऐसी घटनाएं में पहले से कहीं ज्यादा कमी आई है.
संसद में मंगलवार को 2018 से 2021 तक लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज़्म यानी वामपंथी उग्रवाद (LWE) से जुड़ी हिंसक घटनाओं और मौतों का ब्यौरा मांगा गया था. साथ ही, यह सवाल भी किया गया था कि क्या सरकार ने स्वेच्छा से हथियार डालने वाले नक्सली विद्रोहियों को माफी देने का फैसला किया है. इसपर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया है.
देश में वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी हिंसक घटनाएं हुईं कम
संसद में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जबाव देते हुए कहा है कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के मुताबिक, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था के विषय राज्य सरकारों के पास हैं. हालांकि, भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की मदद कर रही है. इसके लिए 2015 में राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना शुरू की गई थी. इस नीति की वजह से केरल राज्य सहित, पूरे देश में हिंसा की घटनाएं कम हुई हैं.
गृह मंत्रालय का कहना है कि वामपंथी उग्रवाद की हिंसक घटनाएं 2009 में 2258 पर थीं, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर था. ये घटनाएं 2021 में 509 पर आ गई हैं. इन घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी हुई है.
हिंसक घटनाओं में होने वाली मौतों में भी कमी
गृह मंत्रालय का कहना है कि इसी तरह इन घटनाओं में होने वाली मौतें, जिनमें नागरिक और सुरक्षा बल शामिल हैं, उनमें भी 85% की कमी आई है. 2010 में 1005 लोगों की मौत हुई थीं, जो 2021 में घटकर 147 हो गई हैं.
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