वापसी के पैसे न होने के चलते मथुरा के निरुद्ध केंद्र में रहने को मजबूर क्रोएशिआई नागरिक
NDTV India
जिले की अभिसूचना इकाई को उससे पूछताछ में मालूम पड़ा कि वीजा और पासपोर्ट उसी ने फाड़ कर कूड़े में फेंक दिए थे. जोलिक को वृन्दावन और यहां की संस्कृति इतनी रास आई कि उसने सबकुछ छोड़कर यहीं रहने का निर्णय कर लिया और एक आश्रम में कृष्ण भक्त बन भारतीय वेदों का अध्ययन करने में जुट गया. पुलिस को जानकारी मिलने के बाद उसे विदेशी अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत बिना वीजा भारत में रहने के आरोप में जेल भेज दिया गया. गत 21 जनवरी को उसकी सजा तो पूरी हो गई लेकिन वह घर नहीं जा सका क्योंकि, उसके पास वापसी एयर टिकट के लिए पैसे नहीं थे.
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में जेल के निरुद्ध केंद्र में रहने को मजबूर, क्रोएशिया निवासी 37 वर्षीय जोरन जोलिक को एक ऐसे मददगार की दरकार है जो उसकी घर वापसी के लिए अपेक्षित एयर टिकट का इंतजाम कर सके. जोलिक, बिना वीजा पकड़े जाने के आरोप में डेढ़ साल जेल की सजा काट चुके हैं. गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व यूरोप में स्थित क्रोएशिया गणराज्य का निवासी जोरन जोलिक वर्ष 2018 में भारत में पर्यटन यात्रा पर आया था. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर जोलिक को 26 जुलाई 2019 को वृन्दावन के एक आश्रम में बिना वीजा के रहते हुए पकड़ा गया था. जोलिक का वीजा एक्सपायर हो चुका था और उसके पास पासपोर्ट भी नहीं था.More Related News