वरिष्ठ पत्रकारों की SC में याचिका, Pegasus जासूसी कांड की न्यायिक जांच की मांग
The Quint
pegasus probe: वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पेगासस जासूसी कांड की न्यायिक जांच की मांग की है, veteran journalists n ram and sashi kumar move supreme court for judicial inquiry in pegasus snooping
द हिंदू अखबार के पूर्व चीफ एडिटर एन राम (N Ram) और एशियानेट के फाउंडर शशि कुमार (Sashi Kumar) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Snoopgate) की न्यायिक जांच की मांग की है. याचिका में एक सिटिंग या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराने की मांग की गई है. शशि कुमार एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म के डायरेक्टर भी हैं.रिट याचिका कहती है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वो बताए उसने या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर ऐसी सर्विलांस की है या नहीं.याचिकाकर्ताओं ने कहा कि लीक हुए डेटाबेस में सामने आए नामों में से कुछ के फोन का फॉरेंसिक एनालिसिस हुआ है और उनमें पेगासस के ट्रेस मिले हैं.ADVERTISEMENT'बोलने की आजादी को दबाने की कोशिश?'याचिका में सवाल उठाया गया कि क्या पत्रकारों, डॉक्टरों, वकीलों, विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, सिविल सोसाइटी एक्टिविस्टों के फोन में पेगासस डालकर टार्गेटेड सर्विलांस किया गया था. याचिका में पूछा गया कि क्या ऐसी हैकिंग एजेंसियों और संस्थानों द्वारा 'बोलने की आजादी और विरोध जताने के हक' को दबाने की कोशिश है.ADVERTISEMENTलाइवलॉ के मुताबिक, याचिका में कहा गया, "पेगासस हैक संचारी, बौद्धिक और सूचनात्मक निजता पर सीधा हमला है और निजता को खतरे में डालता है. किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर नियंत्रण करना या उसे हैक/टैप करना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. सर्विलांस के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल निजता के अधिकार पर भी हमला है."याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पत्रकारों को टारगेट करना प्रेस की आजादी पर हमला है, और बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी में शामिल जानने के अधिकार में भी हस्तक्षेप करता है.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News