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वनटांगिया के गांवों में पहली बार बह रही लोकतंत्र की बयार
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से सात दशक से उपेक्षा का दंश झेल रहे वनटांगिया के 35 गांवों के दिन बहुरे. पहली बार इन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा मिला. पहली बार प्रधान चुनेंगे इन गांव के लोग.
"रहे खातिर झोपड़ी रहल, पानी पीए के खातिर कच्चा कुंआ. जंगल हमार बाप दादा, अऊर हम्मन बसवली लेकिन इहां से हमने के भगावल जात रहल. धन्नीभाग जोगी बाबा के की उनकरि चरण इहां पड़ी गइल. आज उनकरि किरपा से पक्का मकान बा, शौचालय बा, लइकन के पढ़े खातिर इस्कूल बा. बिजली, गैस, आंगनबाड़ी केंद्र, का-का गिनाईं. अउर हां, जोगी बाबा के आशीर्वाद से हमनी के मशीन (आरओ) के पानी पियल जाला." गोरखपुर के वनटांगिया गांव आजाद नगर, जंगल रामगढ़ उर्फ रजही के बुजुर्ग किशोर निषाद की यह बातें वनटांगियों के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की दास्तां सुना जाती हैं. पहले क्या हालात थे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व ग्राम का दर्जा देकर सब कुछ बदल दिया. अपनी आंखों में बदहाली से खुशहाली के एक दौर की यात्रा को याद करते हुए किशोर भावुक हो जाते हैं. डबडबाई आंखों से वह कहते हैं कि "जोगी महराज (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) के हम्मन भगवान मानीलें." किशोर की बातें इन्हीं शब्दों के साथ विराम ले लेती हैं. किशोर के जैसे ही मनोभाव रामदयाल, शीला देवी के भी हैं. जंगलों में रहने वाले इन वनवासियों ने जो सपने में भी नहीं सोचा था, उससे बढ़कर उन्हें हकीकत में उपलब्ध है. कमोबेश यही स्थिति पूर्वांचल के अन्य वनग्रामों की है. गोरखपुर जिले में पांच और पड़ोसी जिले महाराजगंज में 18 वनटांगिया गांव हैं. इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के ही गोंडा और बलरामपुर में 5-5 वनटांगिया गांव हैं. राजस्व ग्राम के निवासी के रूप में इन गांवों के वनटांगिया पहली बार पंचायत चुनाव में सीधी और सक्रिय भूमिका निभाएंगे.
टेक दुनिया के दिग्गज एलन मस्क एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार मामला न तो किसी नई टेक्नोलॉजी का है और न ही स्पेस एक्सप्लोरेशन का, बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ को लेकर है. इन्फ्लुएंसर एशले सेंट क्लेयर ने मैनहट्टन सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया है कि एलन मस्क उनके पांच महीने के बेटे के जैविक पिता हैं.
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आस्था का महारिकॉर्ड बनाकर, श्रद्धा का अद्भुत दर्शन करा कर अब महाकुंभ विदा लेने को हैं. 144 वर्ष बाद ये संयोग बना था जिसे श्रद्धालुओं के अटूट विश्वास ने ऐतिहासिक बना दिया. लेकिन इस धार्मिक आयोजन को लेकर राजनीति भी जारी है. विपक्ष ने व्यवस्था और गंगा जल की शुद्धता पर सवाल उठाए, तो सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया. देखें ये स्पेशल बुलेटिन.
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शिवराज सिंह ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद थी कि टाटा के हाथ में Air India की कमान जाने के बाद इसकी स्थिति ठीक थी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?
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महाकुंभ में भक्तों के साथ नेताओं और मंत्रियों के स्नान का सिलसिला भी जारी है. आज केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचे. जहां उनके साथ CM योगी आदित्यनाथ, डिप्टी CM बृजेश पाठक और BJP के कई और नेता भी मौजूद रहे. नड्डा ने CM योगी के साथ डुबकी लगाई और पूजा अर्चना भी की. देखें शंखनाद.
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महाकुंभ 2025 में 59 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अब तक पवित्र संगम में स्नान किया है. इस बीच स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंमे कहा कि गंगा का जल सर्वथा पवित्र और आचमन योग्य है. साथ ही उन्होंने कुंभ को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे भारत की एकता और सामाजिक समरसता का संदेश गया है. देखें ये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.