
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पास कराना मोदी सरकार के लिए साबित होगा गेमचेंजर
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वक्फ बोर्ड के पास इस समय रेलवे और सेना के बाद सबसे अधिक जमीन है. इतनी जमीन होने के बाद भी पूरे साल में वक्फ बोर्ड इस संपत्ति से केवल 166 करोड़ की कमाई करता है. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को पेश करते हुए किरेन रिजिजू ने दावा किया कि वे एक साल में बोर्ड की कमाई कई गुना बढ़ा देंगे.
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया. खबर लिखे जाने तक लोकसभा में विधेयक के पक्ष और विपक्ष में लगातार बहस जारी है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह विधेयक मोदी सरकार के लिए वॉटरलू का युद्ध साबित होगा. जहां सिकंदर हार गया था. यानि कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक मोदी सरकार के पतन का कारण बनेगा. अखिलेश यादव की यह भविष्यवाणी कितनी सही साबित होगी, यह तो समय बताएगा पर देश के कई हिस्सों में जिस तरह मुसलमानों के पटाखे छोड़ने और मिठाई बांटने की खबर आ रही है वो समाजवादी पार्टी के लिए चिंता की बात जरूर हो सकती है. विधेयक का समर्थन करते हुए कई सांसदों ने कहा कि वक्फ बोर्ड के संशोधन की बात इतिहास में हमेशा के लिए याद रखी जाएगी. आइये देखते हैं कि वक्फ बोर्ड विधेयक बीजेपी के लिए मुश्किलें लाती है या मोदी सरकार के लिए गेमचेंजर साबित होने जा रही है.
1-बिल के पक्ष में बहुमत जुटाकर साबित कर दिया कि सरकार 2.0 जैसी ही मजबूत
मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के सबसे अहम बिल पर लगभग जीत हासिल करने की ओर बढ़ रही है. अगर सरकार ने खुद किसी रणनीति के तहत बिल को लंबित नहीं किया तो अब कोई भी ताकत बिल पास करने से नहीं रोक सकती है. अब तक नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, देवगौड़ा, चिराग पासवान, मांझी, जयंत चौधरी की पार्टी ने बिल के समर्थन की हरी झंडी दे दी है. कर्नाटक में सहयोगी दल जेडीएस के दोनों सांसदों ने वक्फ संशोधन बिल के समर्थन के लिए तैयार हैं.
लोकसभा चुनावों में बहुमत पाने में असफल रहने वाली बीजेपी संसद में वक्फ संशोधन बिल पर बहुमत से अधिक सांसद उसके पास हैं. मोदी सरकार इस समय 14 सहयोगी दलों के 53 सांसदों के समर्थन पर टिकी है, पर वक्फ बिल पर सभी उसके साथ हैं.
जाहिर है कि इस बिल के पास होने के बाद सरकार और मजबूत होकर उभरेगी. आम जनता के बीच एक कमजोर सरकार की छवि को लेकर शासन करना बहुत मुश्किल होता है. इस जीत के बाद सरकार कई और महत्वपूर्ण फैसले ले सकेगी.
2-अनुच्छेद 370 की तरह मोदी सरकार के लिए उपलब्धि की तरह याद किया जाएगा

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