
वक्फ बिल लोकसभा में पास, पक्ष में पड़े 288 वोट, ओवैसी समेत विपक्षी सांसदों के संशोधन खारिज
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वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित हो गया, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच 12 घंटे की बहस चली. एनडीए ने इसे अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताया, जबकि विपक्ष ने इसे मुस्लिम विरोधी बताया. इसके पक्ष में 288 वोट पड़े हैं जबकि इसके विपक्ष में 232 वोट पड़े हैं. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित है, सभी यहां गर्व के साथ रहते हैं.
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पारित हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में वोटिंग हुई, जिसमें 464 कुल वोटों में से 288 पक्ष में और 232 विरोध में रहे. लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर 12 घंटा से ज्यादा बहस चली. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और विपक्ष के सांसदों ने अपने-अपने पक्ष रखे. अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा और फिर राष्ट्रपति के पास अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा.
किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं है और वे यहां सुरक्षित हैं क्योंकि बहुसंख्यक समुदाय पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है. उन्होंने कहा कि पारसी जैसी मामूली अल्पसंख्यक समुदाय भी भारत में सुरक्षित हैं और सभी अल्पसंख्यक यहां गर्व के साथ रहते हैं.
कुछ सदस्यों ने कहा था कि अल्पसंख्यक भारत में सुरक्षित नहीं हैं. यह बयान पूरी तरह से गलत है. अल्पसंख्यकों के लिए भारत से सुरक्षित कोई स्थान नहीं है. मैं भी एक अल्पसंख्यक हूं और हम सभी यहां बिना किसी भय के और गर्व के साथ रह रहे हैं.
लोकसभा से वक्फ संशोधन बिल पास होने पर सत्तारूढ़ एनडीए ने इसे अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताया. सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के अपने दावे को और मजबूत किया है.

याचिका में उन्होंने तर्क दिया है कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थाओं को स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस कानून के तहत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अब राजनीतिक हस्तक्षेप के अधीन हो सकता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता प्रभावित होगी.

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