वकीलों ने पूर्व सीजेआई रमना पर अवैध कार्य करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की
The Wire
केंद्र सरकार को भेजे एक प्रस्ताव में वकीलों एवं अन्य ने हालिया सेवानिवृत्त हुए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने हैदराबाद स्थित गैर-सरकारी संस्थान इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन सेंटर (आईएएमसी) को बढ़ावा देने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.
नई दिल्ली: वकीलों, मध्यस्थों एवं अन्य लोगों के एक समूह ने बीते 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हैदराबाद के इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन सेंटर (आईएएमसी) की स्थापना और प्रचार के लिए ‘अवैध कार्य’ किए.
आईएएमसी का उद्घाटन दिसंबर 2021 में हुआ था.
कानूनी पेशेवरों द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजते हुए आग्रह किया गया है कि वह पूर्व सीजेआई रमना के ‘अवैध कृत्यों’ की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करे.
प्रस्ताव के 65 हस्ताक्षरकर्ताओं ने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से भी मांग की है कि वह परियोजना से संबंधित संपत्ति और वित्तीय लेन-देन की जांच करें, क्योंकि इसमें तेलंगाना सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन और संपत्ति का दुरुपयोग किया गया है.