वकीलों की अपील- स्टेन स्वामी के परिजनों को उनके नाम से जुड़ा लांछन मिटाने का हक़
The Wire
एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार दिवंगत कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के वकीलों ने जमशेदपुर जेसुइट प्रोविंस की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि संविधान का अनुच्छेद 21 मृत व्यक्तियों पर भी समान रूप से लागू होता है. जिस तरह अपीलकर्ता को जीवित रहते हुए अपना नाम बेदाग़ करने का अधिकार होता, यही समान हक़ उसके क़रीबियों का भी है.
मुंबई: जमशेदपुर जेसुइट प्रोविंस’ (जेजेपी), जिससे आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले दिवंगत कार्यकर्ता स्टेन स्वामी ताल्लुक रखते थे, के वकीलों के जरिये बॉम्बे उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि स्वामी की गिरफ्तारी के चलते उनके नाम और छवि पर लगे लांछन को हटाया जाए. मालूम हो कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत पिछले साल गिरफ्तार किए गए 84 साल के स्वामी की बीते पांच जुलाई को मेडिकल आधार पर जमानत का इंतजार करते हुए मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. ईसाई पादरी से कार्यकर्ता बने स्टेन स्वामी कई बीमारियों से पीड़ित थे और हिरासत में कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाए गए थे. वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई ने ‘जमशेदपुर जेसुइट प्रोविंस’ (जेजेपी) की ओर से इस सप्ताह अदालत को पत्र लिखा. जेजेपी स्वामी के मामले में निकट संबंधी के रूप में पेश होना चाहता है.More Related News