लोकसभा से आउट हुए राहुल, कांग्रेस के लिए झटका या मौक़ा?: दिन भर, 24 मार्च
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राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस क्या एक्शन लेने वाली है, राहुल का वायनाड से जाना बीजेपी के लिए फायदा या नुकसान, अमृतपाल सिंह को लेकर कौन सी नई जानकारी आई है, टीबी के केस में भारत की स्थिति क्या है और डीएमडी बीमारी में जंतर मंतर पर आज रैली क्यों निकाली गई, सुनिए 'दिन भर' में नितिन ठाकुर से.
कहते हैं समय का पहिया घूमता है और इतिहास अपनेआप को दोहराता है. 1975 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एलक्शन को कोर्ट ने इनवैलिड क़रार दिया था और उन्हें अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी. क़रीब 48 बरस बाद मानहानि के एक केस में 2 साल की सज़ा होते ही उनके पोते राहुल गांधी की लोकसभा मेंबरशिप चली गई है. आज लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर राहुल की संसद सदस्यता रद्द करने की जानकारी दी. इस ख़बर के सामने आते ही कांग्रेस समेत विपक्ष की लगभग सभी पार्टियों और बड़े नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला.
प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेताओं पर संसद में पंडित नेहरू और उनके परिवार पर लगातार कीचड़ उछाला, लेकिन उनपर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा - मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं. मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं. इस मसले पर कांग्रेस के कार्यकर्ता जगह जगह सड़कों पर उतरे और उनके समर्थन में नारेबाज़ी की. दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के तमाम बड़े नेताओं की बैठक हुई.
एक तरफ कांग्रेस इस मसले पर पॉलिटिकली और लीगली, दोनों तरीकों से लड़ने की बात कह रही है. वहीं बीजेपी इस मसले को ओबीसी समुदाय के अपमान से जोड़कर पूरे देश में अभियान चलाने की बात कह रही है. दो केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर निशाना साधा. तो फ़िलहाल स्थिति ये है कि राहुल गांधी की सदस्यता चली गई है और उनकी सजा पर अपर कोर्ट से स्टे नहीं लगता है तो अगले 8 साल तक वो चुनाव नहीं लड़ सकते. लेकिन ये जो घटना है उसका राहुल के राजनैतिक भविष्य पर क्या असर पड़ेगा, क्या ये उनके लिए एक झटका है या झटके के साथ आया मौक़ा और जो ऑपोजिशन यूनिटी की कवायद चल रही थी, उसको अपनेआप एक धार मिल गई है, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
पंजाब में अमृतपाल सिंह ने सरकार की नाक में दम कर रखा है. हफ्तों से पंजाब पुलिस उसकी तलाश में है, रोज़ उसकी कोई न कोई तस्वीर सामने आती है लेकिन वो पकड़ में नहीं आता. कहा जा रहा है कि वो हरियाणा से होता हुआ अब उत्तराखंड भाग गया है जिसके बाद देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कल ही पुलिस ने अमृतपाल से जुड़े 207 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा बलजीत कौर जिसपर अमृतपाल सिंह और उसके साथियों को घर में छिपाने का आरोप हैं, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अमृतपाल नेपाल भागने की तैयारी में हैं. जिसके बाद उत्तराखंड से लगे नेपाल के बॉर्डर पर सिक्योरिटी टाइट कर दी गई है. भारतीय खुफिया एजेंसी का ये कहना है कि ISI अमृतपाल को मोहरा बना कर इस्तेमाल कर रहा है ताकि राज्य में सेपरेटिस्ट्स सेंटीमेंट को भड़काया जा सके. अब सवाल ये है कि पंजाब पुलिस अपनी तहकीकात में कहां तक पहुंच पाई है? अमृतपाल हरियाणा से होता हुआ उत्तराखंड कैसे पहुंच गया, इस पर पुलिस ने क्या कहा है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
रांची में ऑटो से यात्रा करने वाली दो बहनें अचानक लापता हो गईं जिसके बाद उनके परिजनों ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. दोनों बहनों के माता-पिता ने कहा कि उनकी बेटियों को उसी ऑटो ड्राइवर ने अगवा किया है जिसमें दोनों सफर कर रही थीं. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई हैं.
जमशेदपुर में पुलिस ने दुकानों को निशाना बनाकर चोरी करने वाले शातिर चोर शाहरूख खान और उसका साथी सैफ अली गिरफ्तार किया है. शाहरूख दिन में ग्राहक बनकर दुकानों का निरीक्षण करता और रात में चोरी करता था. पुलिस ने चोरी का सामान नकद ₹3,500, पांच मोबाइल और आभूषण बरामद किए हैं. अन्य तीन आरोपियों की तलाश जारी है.
रविवार को जारी एक पत्र में बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से साफ इनकार किया. उन्होंने अफवाहों को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा जानबूझकर चलाया जा रहा अभियान बताया. बिधूड़ी ने पत्र में लिखा, 'मैं किसी पद पर कोई दावा नहीं करता. मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे बारे में बात करना पूरी तरह से निराधार है.'
रविवार को जारी एक पत्र में बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से साफ इनकार किया. उन्होंने अफवाहों को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा जानबूझकर चलाया जा रहा अभियान बताया. बिधूड़ी ने पत्र में लिखा, 'मैं किसी पद पर कोई दावा नहीं करता. मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे बारे में बात करना पूरी तरह से निराधार है.'