लोकसभा चुनाव में 9 सीटें और जीत सकता था INDIA ब्लॉक, छोटे दलों ने बिगाड़ा खेल
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आंकड़ों की मानें तो इंडिया ब्लॉक कम से कम नौ सीटें और जीत सकता था, जहां वह बेहद करीबी अंतर से हार गया और किसी तीसरी पार्टी को अच्छी खासी संख्या में वोट मिले. इन पार्टियों ने संभवत: विपक्षी गठबंधन के वोट शेयर में कटौती की और इंडिया ब्लॉक को हार की ओर धकेल दिया.
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने तमाम एग्जिट पोल को गलत साबित करते हुए जोरदार वापसी की है. भले ही वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया लेकिन सभी विपक्ष के प्रदर्शन से हैरान हैं.
आंकड़ों की मानें तो विपक्ष कम से कम नौ सीटें और जीत सकता था जहां वह बेहद करीबी अंतर से हार गया और किसी तीसरी पार्टी को अच्छी खासी संख्या में वोट मिले. इन पार्टियों ने संभवत: विपक्षी गठबंधन के वोट शेयर में कटौती की है और इंडिया ब्लॉक को हार की ओर धकेल दिया.
प्रकाश अंबेडकर के साथ आने से होता फायदा प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने महाराष्ट्र में कोई सीट नहीं जीती, लेकिन कम से कम चार सीटों पर उसे भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के जीत के अंतर से अधिक वोट मिले. वीबीए को मिले वोटों ने अकोला, बुलढाणा, हटकनंगले और मुंबई उत्तर-पश्चिम में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की संभावनाओं पर असर डाला.
मुंबई उत्तर-पश्चिम में जीत हासिल करने वाली शिवसेना और दूसरे नंबर पर रही शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के बीच केवल 48 वोटों का अंतर था. वीबीए ने 10,000 से अधिक वोट हासिल किए, जिनसे इंडिया ब्लॉक को मदद मिल सकती थी. हटकनंगले में, उद्धव ठाकरे की शिवसेना 13,426 वोटों से हार गई, जबकि वीबीए को 32,696 वोट मिले.
अकोला में कांग्रेस भाजपा से 40,626 वोटों से हार गई जबकि वीबीए ने अकेले 2.77 लाख वोट हासिल किए. महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अंबेडकर के साथ कई दौर की बातचीत की लेकिन वह छह सीटों की अपनी मांग पर अड़े रहे.
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