लोकसभा चुनाव में टारगेट के साथ NDA ने अपना कुनबा भी बढ़ाया, अब इन दलों को साथ लाने की कवायद
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लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 400 सीटें जीतने का टारगेट सेट किया है. बीजेपी इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पुराने सहयोगियों को फिर से साध रही है तो दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में करने पर भी पार्टी का जोर है. ओडिशा में बीजेडी और आंध्र में टीडीपी से गठबंधन की चर्चा के बीच आगे कहां से उम्मीद है?
लोकसभा चुनाव सिर पर हैं. पार्टियां उम्मीदवारों का ऐलान करने के साथ ही रूठे नेताओं को मनाने, गठबंधन का गणित सेट करने और पुराने सहयोगियों को फिर से साथ लाकर कुनबा बढ़ाने की कोशिशों में जुटी हैं. केंद्र की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इन चुनावों में 'अबकी पार, 400 पार' का नारा दिया है. अब पार्टी इस नारे को चुनाव नतीजे में तब्दील करने के लिए पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक समीकरण सेट करने में जुट गई है.
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), यूपी में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), कर्नाटक में एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) की एनडीए में वापसी के बाद अब ताजा अपडेट आंध्र प्रदेश और ओडिशा को लेकर आ रहा है. आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) और ओडिशा से सत्ताधारी नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजेडी) के एनडीए में शामिल होने की चर्चा जोरो पर है. बीजेपी और बीजेडी में दिल्ली से भुवनेश्वर तक बैठकों का दौर चल रहा है.
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पीएम मोदी के हालिया ओडिशा दौरे के दौरान उनकी नवीन पटनायक के साथ अच्छी केमिस्ट्री नजर आई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की जमकर तारीफ की. बीजेपी और बीजेडी गठबंधन के ऐलान को अब महज औपचारिकता बताया जा रहा है. वहीं, चंद्रबाबू नायडू के भी 7 मार्च को दिल्ली पहुंचकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने का कार्यक्रम है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं और टीडीपी चाहती है कि जल्द से जल्द गठबंधन को मूर्त रूप दिया जाए. फिलहाल, टीडीपी का आंध्र में पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जनसेना पार्टी के साथ गठबंधन है और दोनों ही दल संयुक्त उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर चुके हैं.
बिहार में नीतीश, यूपी में जयंत आए साथ
बीजेपी को पहली बड़ी सफलता बिहार में मिली. विपक्षी एकजुटता की कवायद के सूत्रधार नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने विपक्षी गठबंधन से किनारा कर एनडीए में वापसी कर ली. यूपी में पश्चिमी यूपी की राजनीति पर अच्छा प्रभाव रखने वाली आरएलडी भी एनडीए में आ गई तो वहीं बीजेपी कर्नाटक में जेडीएस को साथ लाने में भी सफल रही. ये तो हुई पार्टियों के एनडीए में आने की बात. छोटे स्तर पर भी बीजेपी ने दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में करने के लिए भी राज्य स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है.
संभल के जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर बवाल और आगजनी होने के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि 'जब सर्वे हो चुका था तो दोबारा क्यों कराया, वो भी सुबह सुबह, कोई दूसरे पक्ष को सुनने वाला नहीं है. ये इसलिए कराया गया है ताकि चुनाव पर कोई सवाल न पूछ सके.
JLKM vs AJSU in Jharkhand Polls: जेएलकेएम ने राज्य की 71 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसे जीत सिर्फ एक सीट पर मिली. लेकिन उसने कम से कम 14 सीटों पर चुनाव परिणाम प्रभावित किया, जिसका बड़े पैमाने पर इंडिया ब्लॉक को फायदा हुआ. दूसरी ओर, कुर्मी समुदाय (ओबीसी) का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाली ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 231 वोटों के मामूली अंतर से केवल एक सीट जीतने में सफल रही.
Jharknahd Poll Results: इंडिया ब्लॉक में झामुमो, कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआईएमएल शामिल हैं. झामुमो ने अकेले 34, कांग्रेस ने 16, राजद ने 4 और सीपीआईएमएल ने 2 सीटें जीती हैं. जबकि एनडीए में बीजेपी, आजसू, जदयू और लोजपा शामिल हैं. बीजेपी को 21 सीटें मिलीं. जबकि जदयू, लोजपा और आजसू के खाते में 1-1 सीटें गईं.
झारखंड: 26 नवंबर को होगा हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण, राहुल-केजरीवाल-ममता समेत ये हस्तियां रहेंगी मौजूद
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत गठबंधन ने झारखंड विधानसभा चुनाव में 56 सीट के साथ शानदार जीत दर्ज करते हुए सत्ता अपने पास बरकरार रखी है.झामुमो नीत गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट जीतीं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को महज 24 सीट से संतोष करना पड़ा.
संभल की जामा मस्जिद में करीब ढाई घंटे तक सर्वे करने के बाद भारी सुरक्षा में टीम को दूसरे रास्ते से बाहर निकाला गया. इस दौरान बाहर लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. हालात को संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और वकील विष्णु शंकर जैन को पुलिस सुरक्षा में दूसरे रास्ते से बाहर लाया गया. अब इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर 29 नवबंर को अपनी रिपोर्ट देंगे.