लोकपाल को 2020-21 में भ्रष्टाचार की 110 शिकायतें मिलीं, इनमें से चार सांसदों के ख़िलाफ़ थीं
The Wire
लोकपाल के पास प्रधानमंत्री समेत सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार होता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 में जितनी शिकायतें मिलीं, उससे अगले वर्ष 92 प्रतिशत कम शिकायतें आई हैं. लोकपाल को 2019-20 में भ्रष्टाचार की 1427 शिकायतें मिली थीं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च 2019 को जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई थी. लोकपाल के पास प्रधानमंत्री समेत सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार होता है. लोकपाल के आठ सदस्यों को उसी साल 27 मार्च को जस्टिस घोष ने पद की शपथ दिलाई थी. इन आठ सदस्यों में चार न्यायिक और बाकी गैर न्यायिक सदस्य होते हैं. वर्तमान में लोकपाल में दो न्यायिक सदस्यों के पद रिक्त हैं. आंकड़ों के मुताबिक, लोकपाल ने 30 शिकायतों की आरंभिक जांच की और आरंभिक जांच के बाद 75 शिकायतें बंद कर दी गईं. वर्ष 2020-21 में आरंभिक जांच रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कुल 13 शिकायतें बंद कर दी गईं. लोकपाल के आंकड़े में कहा गया है कि समूह ‘ए’ और ‘बी’ के अधिकारियों के खिलाफ भेजी गईं 14 शिकायतें मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और तीन शिकायतें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास लंबित हैं. एक मामले में कार्रवाई रिपोर्ट दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पास लंबित है.More Related News