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लॉरेंस बिश्नोई का वो पहला क्राइम, जिसमें अदालत ने उसे कर दिया था बरी
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लॉरेंस ने जेल में रहते हुए पिछले कुछ सालों में अपनी गैंग के सहारे कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. लॉरेंस ने साल 2008 में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा था. लेकिन अपने पहले क्राइम के लिए अदालत ने उसे बरी कर दिया था.
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. लॉरेंस ने जेल में रहते हुए पिछले कुछ सालों में अपनी गैंग के सहारे कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. लॉरेंस ने साल 2008 में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा था. लेकिन अपने पहले क्राइम के लिए अदालत ने उसे बरी कर दिया था.
2008 में लॉरेंस ने चलाई थी गोली
जानकारी के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई पर साल 2008 में IPC की धारा 307 (हत्या की कोशिश) के तहत FIR दर्ज हुई थी. चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान लॉरेंस बिश्नोई ने साल 2008 में चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खड़े उदय पर अपने दोस्त की लाइसेंसी पिस्टल से गोली चलाई थी. इसके बाद उसपर केस दर्ज हुई था. इस केस में वो पहली बार जेल भी गया था. लारेंस बिश्नोई जेल गया था
दरअसल, यूनिवर्सिटी के चुनाव में लॉरेंस का दोस्त रॉबिन बराड़ SOPU से चुनाव मैदान में खड़ा था, जबकि उसके विरोध में PUSU ग्रुप से उदय लड़ रहा था. लॉरेंस बिश्नोई ने अपने दोस्त के खिलाफ खड़े शख्स पर चुनाव प्रचार के दौरान जानलेवा हमला करते हुए गोली चलाई थी. लेकिन इस मामले में अदालत ने उसे बरी कर दिया था.
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