लैंडस्लाइड से इतिहास के पन्नों में दफन हो गया नैनीताल का ये फेमस टूरिस्ट स्पॉट, ब्रिटिश काल में मिला था खास दर्जा
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नैनीताल का लोकप्रिय पर्यटक स्थल टिफिन टॉप पर स्थित डोरोथी सीट कल रात भूस्खलन के बाद इतिहास बन गई. रात 11 बजे के करीब भारी भरकम बोल्डर टिफिन टॉप से नीचे आ गए क्षेत्र में आबादी नहीं होने की वजह से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ.
नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल टिफ़िन टॉप में स्थित डोरोथी सीट कल रात भारी बारिश के बाद ढह गई. यह वो जगह थी, जहां पर खड़े होकर पर्यटक प्रकृति की सुन्दरता को निहारते थे. पिछले दो सालों से भूस्खलन की वजह से जगह का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था. आज तक समेत कई अन्य समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया कि अगर समय पर स्थाई ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो नैनीताल में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल, टिफ़िन टॉप का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और आखिरकार कल (6 अगस्त) रात 11 बजे भारी बारिश के बीच यह डोरोथी सीट भूस्खलन की वजह से खत्म हो गई.
इतिहास बन गई डोरोथी सीट
नैनीताल का लोकप्रिय पर्यटक स्थल टिफिन टॉप पर स्थित डोरोथी सीट कल रात भूस्खलन के बाद इतिहास बन गई. रात 11 बजे के करीब भारी भरकम बोल्डर टिफिन टॉप से नीचे आ गए क्षेत्र में आबादी नहीं होने की वजह से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. टिफिन टॉप में हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक और स्थानीय नागरिक आते हैं और उस जगह से प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हैं.
कुछ सालों से यहाँ पर गहरी दरारें आ गई थी और यह क्षेत्र दरकने लगा था लेकिन इसको बचाने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया. नैनीताल नगर से लगभग 3 किलो मीटर की दूरी पर हल्की चढ़ाई और खूबसूरत रास्तों के बीच ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए टिफिन टॉप पर जाना और वहां से हिमालय की खूबसूरत चोटियों का दीदार करना मंत्रमुग्ध कर देता था.
कर्नल कैलेट ने अपनी पत्नी की याद में बनवाई थी डोरोथी सीट
टिफ़िन टॉप पर डोरोथी सीट का निर्माण ब्रिटिश सेना के अधिकारी रहे कर्नल कैलेट ने अपनी पत्नी डोरोथी केली की याद में किया था, जिनका इंग्लैंड जाते वक्त सेप्टीसीमिया से जहाज पर निधन हो गया था. वह जब नैनीताल में थीं तो इस जगह पर बैठकर पेंटिंग किया करती थीं. डोरोथी अंग्रेज चित्रकार थीं. डोरोथी की मृत्यु 1936 में समुद्री यात्रा के दौरान हो गई थी.
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