लेबनान के पेजर ब्लास्ट का वायनाड कनेक्शन! क्यों चर्चा में है 'जोस टेलर' और भारतीय मूल का ये बिजनेसमैन?
AajTak
केरल के कई मीडिया आउटलेट्स ने शुक्रवार को बताया कि रिनसन जोस का जन्म वायनाड में हुआ था और एमबीए पूरा करने के बाद वे नॉर्वे चले गए. कुछ स्थानीय टीवी चैनलों ने उनके रिश्तेदारों से भी बात की. रिनसन के पिता, जोस मूथेडम, एक दर्जी हैं और उन्होंने मनंतावडी में एक दर्जी की दुकान में काम करते हैं.
लेबनान में हज़ारों पेजर फटने से लगभग 20 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं जिसमें अधिकतर हिज्बुल्लाह के लड़ाके बताए जा रहे हैं. दुनियाभर में इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर पेजर किस कंपनी के जरिए हिज्बुल्लाह के पास पहुंचे. इन सबके बीच इन धमाकों का एक हैरान करने वाला केरल कनेक्शन भी सामने आया है.
दरअसल, हिज्बुल्लाह ने इन धमाकों के लिए इजरायल को ज़िम्मेदार ठहराया है. वहीं इजरायल ने अभी तक प्रत्यक्ष तौर पर इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. धमाकों के बाद दुनिया यह समझने की कोशिश कर रही है कि कैसे इजरायली जासूसी एजेंसियां पेजर के जरिए धमाके करते हैं. आश्चर्यजनक रूप से, कंपनियों और शेल फर्मों के मकड़जाल में केरल में जन्मे एक व्यक्ति का नाम भी सामने आया है, जो अब नॉर्वे का नागरिक है.
केरल के रहने वाले रिनसन की थी नॉर्टा ग्लोबल कंपनी
हंगरी के एक मीडिया आउटलेट टेलेक्स ने बताया कि लेबनान में मंगलवार को हुए पेजर विस्फोट के सिलसिले में मलयाली और अब नॉर्वे के नागरिक रेनसन जोस की संलिप्तता की जांच की जा रही है. टेलेक्स के मुताबिक, पेजर के सौदे के पीछे एक बल्गेरियाई कंपनी, नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड का हाथ था. नॉर्टा ग्लोबल की स्थापना नॉर्वे के नागरिक रिनसन जोस ने की थी. रिनस जोस मूल रूप से केरल के वायनाड स्थित मनंतावडी के रहने वाले हैं और आखिरी बार 2013 में अपने गृहनगर आए थे.
केरल के कई मीडिया आउटलेट्स ने शुक्रवार को बताया कि रिनसन जोस का जन्म वायनाड में हुआ था और एमबीए पूरा करने के बाद वे नॉर्वे चले गए. कुछ स्थानीय टीवी चैनलों ने उनके रिश्तेदारों से भी बात की.
यह भी पढ़ें: US एम्बेसी ब्लास्ट में वांटेड, 60 करोड़ का ईनामी... हिज्बुल्लाह कमांडर इब्राहिम अकील को इजरायल ने लेबनान में किया ढेर
आन्ध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मन्दिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, जहां दर्शन के लिए आने वाले हिन्दू श्रद्धालुओं को पिछले 300 वर्षों से 'लड्डू' का विशेष प्रसाद दिया जा रहा है और इस लड्डू को वर्ष 2014 में GI टैग भी मिल चुका है, जिसका मतलब ये है कि तिरुपति तिरुमाला के नाम से ये लड्डू सिर्फ आन्ध्र प्रदेश के तिरुपति मन्दिर में ही मिल सकता है.
करोड़ों सनातन प्रेमियों की आस्था के केंद्र भगवान तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट की रिपोर्ट आने के बाद से सियासी धर्म युद्ध छिड़ गया है. आलम ये है कि मामले में फांसी और सीबीआई जांच तक की मांग हो गई है. दरअसल, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार पर मंदिर में प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जाने के आरोपों के बाद से विवाद जारी है.