लीलावती अस्पताल के ट्रस्टी ने बैंक पर उत्पीड़न करने की शिकायत की, बॉम्बे हाई कोर्ट बोला- ये कर्ज से बचने की कोशिश
AajTak
बॉम्बे हाई कोर्ट ने लीलावती अस्पताल के एक ट्रस्टी की ओर से बैंक के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत के मामले में कहा कि यह बकाया पेमेंट से बचने का प्रयास था. ट्रस्टी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि बैंक द्वारा उत्पीड़न के कारण उनके पिता और अस्पताल के संस्थापक की मृत्यु हो गई.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने लीलावती अस्पताल के एक ट्रस्टी की ओर से बैंक के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत के मामले में कहा कि यह बकाया पेमेंट से बचने का प्रयास था. ट्रस्टी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि बैंक द्वारा उत्पीड़न के कारण उनके पिता और अस्पताल के संस्थापक की मृत्यु हो गई.
न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने कहा कि राज्य अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराना 'अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास मात्र था.' अदालत ने यह फैसला 18 सितंबर को सुनाया. अदालत ने इस वर्ष जुलाई में एचडीएफसी बैंक और उसके प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को आयोग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया जिसमें उन्हें एक अगस्त को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था.
आयोग ने लीलावती अस्पताल का संचालन करने वाले लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के स्थायी ट्रस्टी राजेश मेहता द्वारा दायर शिकायत पर सुनवाई की थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन और वसूली विभाग द्वारा उन्हें और उनके पिता किशोर मेहता को गंभीर उत्पीड़न और मानसिक यातना दी गई.
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि बैंक ने अस्पताल ट्रस्ट के कुछ पूर्व ट्रस्टी के साथ मिलीभगत की और इस उत्पीड़न के कारण 20 मई, 2024 को किशोर मेहता की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ प्रबंधन ने किशोर मेहता पर गिरफ्तारी की तलवार लटका रखी थी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी असामयिक मृत्यु हो गई. मेहता पिता-पुत्र अल्पसंख्यक जैन समुदाय से हैं.
बैंक ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में नोटिस को चुनौती दी और आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आयोग के समक्ष शिकायत केवल उसके द्वारा शुरू की गई वसूली कार्यवाही से बचने के लिए दायर की गई थी.
अदालत ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि राजेश मेहता द्वारा दायर की गई शिकायत 'एचडीएफसी बैंक द्वारा अपने उधारकर्ताओं के खिलाफ अपनाई गई प्रक्रिया को पटरी से उतारने और एक देनदार के रूप में कार्रवाई का सामना करने से बचने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं थी, जो संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से 14 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी थे.'
दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में बीजेपी को बड़ी जीत मिलने के संकेत मिल रहे हैं. आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे के अनुसार बीजेपी को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि आम आदमी पार्टी 20 से कम सीटों पर सिमट सकती है.
दिल्ली दंगों के समय आम आदमी पार्टी की भूमिका पर सवाल उठे हैं. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पुलिस स्टेशन का दौरा किया था. भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगे कि वे दंगों के दौरान निष्क्रिय रहे. आम आदमी पार्टी ने अपने कोर वोटर मुस्लिम समुदाय का समर्थन खो दिया है. सर्वे के अनुसार, 83% मुस्लिम वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, जो अब घटकर 20% रह गए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली गलौज पार्टी की 55 से ज्यादा सीट आ रही हैं. पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि 'AAP' छोड़ के उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हर किसी को 15-15 करोड़ रुपये देंगे.
अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर विपक्षी सदन में हंगामा कर रहा है. हंगामे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया. वे हाथों में तख्ती लिए नजर आए. इसपर लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान. सांसद हाथ में हथकड़ी लेकर प्रदर्शन करते दिखे.