लाॅकडाउन की वजह से इस तरह की घातक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं युवा
Zee News
युवाओं में चिड़चिड़ापन, अनियमित नींद, भूख की समस्या और वजन बढ़ना आम हो गया है और वह चिंता, अवसाद, गेमिंग और सोशल मीडिया की लत के शिकार हो रहे हैं.
नई दिल्लीः एक निजी अस्पताल ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान युवाओं में चिंता, अवसाद और सोशल मीडिया की लत के मामले बढ़ रहे हैं. अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि महामारी शुरू होने के बाद से बाहरी गतिविधियों पर अंकुश लगने से युवाओं में चिड़चिड़ापन, अनियमित नींद, भूख की समस्या और वजन बढ़ना आम हो गया है. मानसिक स्वास्थ्य और मनोरोग के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर संदीप वोहरा ने कहा, ‘‘चिंता, अवसाद, गेमिंग और सोशल मीडिया की लत और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता के लिए बाह्य रोग विभाग (ओपीडी) में परामर्श लेने वाले युवाओं की तादाद दोगुनी हो गई है.’’ युवाओं में बढ़ रही है बेबसी की भावना डॉक्टरों के अध्ययन में कहा गया है कि महामारी के दौरान पढ़ाई जारी रखने के लिए दूरस्थ शिक्षा एकमात्र समाधान है, इस वजह से इंटरनेट का इस्तेमाल कई गुना बढ़ गया है. इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण, स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों के बीच व्यवहार में परिवर्तन भी देखे गए हैं. यह सभी कारक युवाओं के बीच एक गतिहीन जीवन शैली बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं, और उनमें आवेग और बेबसी की भावना पैदा कर रहे हैं.More Related News