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लाल किले की प्रचीर से लाल बहादुर शास्त्री ने पाकिस्तान को ललकारा, ‘जय जवान जय किसान’ का दिया नारा
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लाल बहादुर शास्त्री 9 जून 1964 में ऐसे वक्त पर देश की बागडोर संभाली जब चीन से करारी शिकस्त खाने के बाद देश के जवानों का मनोबल गिरा हुआ था. दूसरी तरफ देश की हालत खराब थी.
देश की बागडोर संभालने वाले लाल बहादुर शास्त्री दूसरे प्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें पंडित जवाहर लाल नेहरू निधन के बाद देश की कमान उनके हाथों में दी गई. शुरुआत में जब शास्त्री को कमान दी गई तो उनके ऊपर दुनिया को शक था. लेकिन सिर्फ डेढ साल में शास्त्री का करिश्मा पूरी दुनिया ने माना. लाल किले से उनकी हुंका और नारा- जय जवान जय किसान, एक तरफ सीमा पर लड़ने वाले जवानों के हौसले को बुलंद कर रहा था तो वहीं दूसरी तरफ देश के किसानों के दिलों उनका यह नारा छू रहा था. शास्त्री 9 जून 1964 में ऐसे वक्त पर देश की बागडोर संभाली जब चीन से करारी शिकस्त खाने के बाद देश के जवानों का मनोबल गिरा हुआ था. दूसरी तरफ देश की हालत खराब थी. शास्त्री 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे. शास्त्री के सत्ता संभालने के बाद पहला साल यानी 1964 तो जैसे-तैसा निकल गया. लेकिन दूसरा साल यानी 1965 दोहरी त्रासदी लेकर आया.More Related News