लाउडस्पीकर का शोर, सियासत पर जोर, चित्रा त्रिपाठी के साथ देखें दंगल
AajTak
देश में इन दिनों एक बड़े मुद्दे पर चर्चा गरम है. मुसीबत लाउडस्पीकर की है और शोर सियासत में है. महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने एक वाजिब मुद्दा उठाया था. शोर की समस्या वाजिब समस्या थी. उसका धर्म मजहब पंथ से कोई लेना देना नहीं था. लेकिन राज ठाकरे की उस मांग पर महाराष्ट्र में सियासत शुरू हो गई और उत्तर प्रदेश में एक्शन. देखते ही देखते सरकार की अपील और उत्तर प्रदेश के जागरूक लोगों की कोशिश कामयाब हुई. यूपी में ग्यारह हजार से ज्यादा शोर मचाने वाले लाउडस्पीकर उतार दिये गये. 35 हजार लाउडस्पीकर्स की आवाज कम कर दी गई और वो भी बिल्कुल सौहार्द्रपूर्ण तरीके से. उधर महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर का नाम लेते ही सियासत शुरू हो गई. देखें दंगल.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.