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रोहित के हाथ में चांदी की वर्ल्ड कप ट्रॉफी! जानिए कब मिलता है गोल्ड या सिल्वर का कप
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T20 World Cup Trophy: भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद वतन लौट गई है और अब सभी की निगाहें उस सिल्वर ट्रॉफी पर हैं, जो इंडिया के प्लेयर्स के हाथ में दिख रही है.
जैसे ही गुरुवार सुबह भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी लेकर दिल्ली पहुंची तो हर तरफ इंडिया-इंडिया की आवाजें आने लगीं. इस दौरान टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ट्रॉफी के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकले और पूरी टीम जोश में दिखाई दी. इस दौरान सभी की निगाहें थीं, उस सिल्वर कलर की वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर जिसे भारतीय टीम ने बड़ी मेहनत से अपने नाम किया था.
आपने भी वर्ल्ड कप के दौरान कई बार इस ट्रॉफी को देखा होगा. लेकिन, कभी आपके दिमाग में ये ख्याल आया कि आखिर ये ट्रॉफी सिल्वर कलर की क्यों है, क्योंकि कई बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी की गोल्डन कलर की होती है. तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या लॉजिक होता है और कब ट्रॉफी को सिल्वर और कब गोल्डन रखा जाता है.
क्या है इसके पीछे का लॉजिक?
दरअसल, वर्ल्ड कप ट्रॉफी के कलर में अहम अंतर सोने और चांदी का होता है. दरअसल, टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी में गोल्ड का इस्तेमाल नहीं होता है और ये ट्रॉफी सिल्वर और रोडियम से मिलकर बनाई जाती है. वहीं, जो वनडे वर्ल्ड कप होता है, उसकी ट्राफी सोने और चांदी से मिलकर बनाई जाती है, जिस वजह से उसका रंग गोल्डन होता है. ऐसे में 50 ओवर वाले मैचों के वर्ल्ड कप में जो ट्रॉफी मिलती है, वो गोल्डन होती है. वहीं, टी-20 मैचों के वर्ल्ड कप में जो ट्रॉफी मिलती है, वो सिल्वर कलर की होती है.
टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी में क्या है खास?
बता दें कि इस ट्रॉफी को सिल्वर और रोडियम से मिलाकार बनाया गया है. ट्रॉफी को वजन करीब 7 किलो बताया जा रहा है और हाइट करीब 51CM के आसपास है.
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एलजी सचिवालय के मुताबिक एलजी वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण (पीओसी) अधिनियम, 1998 की धारा 17 ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने की सतर्कता निदेशालय (डीओवी) की सिफारिश से सहमति जताई है. सत्येंद्र जैन की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को अधिकृत करने के लिए इस रेफरल की आवश्यकता है.