रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के इस द्वीप को बता रहे हैं ‘एक बड़ी जेल’
BBC
म्यांमार से भागकर आये रोहिंग्या मुसलमानों के रहने के लिए बांग्लादेश की सरकार ने समंदर के बीच एक टापू तय कर दिया है, शरणार्थी जिसकी तुलना जेल से कर रहे हैं.
दिलारा जब बांग्लादेशी तट से निकली थीं, तब उन्होंने मलेशिया में एक नई ज़िंदगी के ख़्वाब देखे थे. वो जिस नाव पर सवार थीं, उस पर सैकड़ों लोग भेड़ बकरियों की तरह भरे हुए थे. कई दिन के सफ़र के बाद इन लोगों को जहाँ ले जाया गया, वो एक अलग ही दुनिया निकली. ये वो जगह नहीं थी जहाँ इन लोगों ने अपने परिवारों को छोड़ा था. बल्कि इन्हें लेकर आये लोगों ने इस पूरे समूह को एक ऐसे द्वीप पर लाकर छोड़ दिया जो बंगाल की खाड़ी में कहीं स्थित है और जहाँ से भाग पाना नामुमकिन है. दिलारा जो एक अविवाहित युवती हैं और जिन्हें शाम होने के बाद अपने कमरे से निकलने में डर लगता है, उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, "मुझे नहीं पता कि मुझे यहाँ कब तक रहना होगा. मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है. मुझे यहीं बूढ़ा होना होगा और मैं शायद अब यहीं मरूंगी."More Related News