रोहिंग्याओं के समर्थन में बंगाल नहीं, बांग्लादेश में हुआ प्रदर्शन
The Quint
Bangladesh। बांग्लादेश में प्रोटेस्ट का वीडियो बंगाल का बता वायरल। ये रैली म्यांमार में रोहिंग्याओं के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ निकाली गई थी। Video of Protest in Bangladesh goes viral. Rally was to protest atrocities against Rohingyas in Myanmar।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बैकग्राउंड में बांग्ला गाने की आवाज आ रही है और सफेद टोपी पहने लोगों की भीड़ रैली करती हुई दिख रही है. रैली में शामिल कई लोगों के हाथों में तख्तियां देखी जा सकती हैं, जिनमें लिखा है 'रोहिंग्या मुसलमानों को मारना बंद करो' ('स्टॉप किलिंग रोहिंग्या मुस्लिम्स’).इस वीडियो को इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है कि ये वीडियो पाकिस्तान या बांग्लादेश का नहीं, बल्कि बंगाल का है.हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. ये रैली बंगाल में नहीं, बांग्लादेश में 4 साल पहले यानी साल 2017 में हुई थी. जब बांग्लादेश में एक इस्लामिक संगठन ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में म्यांमार दूतावास की ओर मार्च किया था. इसमें ऑडियो अलग से जोड़ा गया है.दावावीडियो शेयर कर दावा में लिखा जा रहा है कि "यह बांग्लादेश की तस्वीर नहीं...यह नजारा न तो पाकिस्तान का है और न ही कश्मीर का! यह नजारा है चुनाव जीत चुके पश्चिम बंगाल के जिहादियों का...आगे की कल्पना आप स्वयं कर लें...लोग समझते हैं कि WB में TMC की जीत हुई है...हकीकत यह है कि WB में ISIS की जीत हुई है... यह नजारा नहीं, हिंदुओं के लिए चेतावनी है... इसी चेतावनी का अनुवाद है खौफ ! इसी खौफ ने प.बंगाल से हिंदुओं को पलायन पर विवश कर दिया है... इसी खौफ ने मुकुल राय को ममता बानो के चरणों पर नाक रगड़ने को विवश कर दिया है..''पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)इस वीडियो को कई और भी लोगों ने ऐसे ही मुलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.ADVERTISEMENTपड़ताल में हमने क्या पायाहमने वीडियो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें ‘Spicy Infotube’ नाम का एक यूट्यूब चैनल मिला, जिसमें ये वीडियो 13 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया था. इसके कैप्शन में लिखा गया था: "इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश ने म्यांमार दूतावास को घेर लिया."ये वीडियो13 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया था(सोर्स: स्क्रीनशॉट/यूट्यूब)हमने वीडियो से संबंधित कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें Hindustan Times की वेबसाइट पर 18 सितंबर 2017 की भी एक रिपोर्ट मिली. ''रोहिंग्याओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में 20,000 इस्लामी कट्टरपंथियों ने बांग्ल...More Related News