रोजाना क्या आप भी लेते हैं 7 घंटे से कम की नींद? हो जाएं सावधान! शरीर का होगा बुरा हाल
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नींद हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है. एक अच्छी नींद हमारे दिमाग को तरोताजा करने के लिए और शरीर के दूसरे अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या होता है जब आप 7 घंटे से भी कम की नींद लेते हैं.
आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में लोगों के पास इतना भी समय नहीं है कि वह भरपूर नींद ले सकें. भरपूर नींद लेना हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है. भरपूर नींद लेने से दिमाग को शांति मिलती है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. साथ ही इम्यून सिस्टम की क्षमता भी तेज होती है. नींद की कमी के कारण कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है. अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. यह आपकी हेल्थ के लिए काफी जरूरी माना जाता है. तो आइए जानते हैं, जब आप 7 घंटे से भी कम की नींद लेते हैं तो आपके शरीर में क्या होता है.क्यों जरूरी है 7 घंटे की नींद? 7 घंटे के दौरान, आपका शरीर रिपेयर मोड में चला जाता है. इस दौरान आपकी कोशिकाएं और मसल्स का पुनर्निर्माण होता है. इससे आपको तरोताजा महसूस होता है. आपके दिमाग के लिए भी पर्याप्त नींद लेना काफी जरूरी होता है. इससे आपका ब्रेन बूस्ट होता है और आप अलर्ट और फोकस रहते हैं. भरपूर नींद लेने से आपका इम्यून सिस्टम भी बेहतर ढंग से काम करता है. आइए जानते हैं जब आप 7 घंटे से कम की नींद लेते हैं तो आपके शरीर पर इसका क्या असर पड़ता है.हर वक्त थकान- जब आप 7 घंटे से कम सोते हैं, तो आपके शरीर के पास अलग-अलग स्लीप साइकिल से गुजरने का समय काफी कम होता है. जिसके कारण, आप सुबह उठकर थका हुआ महसूस करते हैं. यह थकान पूरे दिन बनी रह सकती है, जिससे ध्यान केंद्रित करना, फोकस रहना और आपकी ओर से किए जाने वाले काम पर भी खराब असर पड़ता है. भरपूर नींद ना लेने से आपकी सोच, निर्णय लेने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है.वजन का बढ़ना- नींद और वजन का आपस में गहरा संबंध हैं. अपर्याप्त नींद लेने से शरीर में दो हार्मोन्स ग्रेलिन और लेप्टिन का संतुलन बिगड़ जाता है. ग्रेलिन हार्मोन भूख को उत्तेजित करता है, जबकि लेप्टिन हार्मोन पेट भरने का संकेत देता है. जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो ग्रेलिन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे आपको भूख ज्यादा लगती है, खासतौर पर ज्यादा कैलोरी और शुगर युक्त चीजों की. इसके साथ ही लेप्टिन हार्मोन का लेवल भी गिरने लगता है जिससे आपको पेट भरने का एहसास नहीं हो पाता. हार्मोन्स का यह असंतुलन खासतौर पर शाम के समय पर होता है. जिससे वजन बढ़ने लगता है.मानसिक स्थिति पर असर- कम सोने का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है. जितनी देर हम सोते हैं उतनी देर में हमारा दिमाग भी एक नई ऊर्जा जुटा लेता है. लेकिन नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग तरोताजा नहीं हो पाता, जिसके चलते कई मानसिक समस्याएं हो जाती हैं और कई बार याददाश्त से जुड़ी परेशानी भी हो जाती है.हार्ट अटैक- जब हम सोते हैं तो यह वक्त हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई का होता है लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ नहीं हो पाते और जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ जाती है. इससे हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
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