
रेवड़ी कल्चर: नेताओं के वादे बेशुमार, लेकिन खजाने पर पड़ रहा है भार, समझें फ्रीबीज की महंगी पॉलिटिक्स
AajTak
चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर देती हैं. इसे ही राजनीतिक भाषा में फ्रीबीज या रेवड़ी कल्चर कहा जाता है. लेकिन ये रेवड़ी कल्चर की शुरुआत कैसे हुई? इसका राज्यों की आर्थिक सेहत पर क्या असर पड़ता है? चुनावों पर ये मुफ्त की रेवड़ियां कितना असर डालती हैं? जानते हैं...
'गरीब की थाली में पुलाव आ गया है...लगता है शहर में चुनाव आ गया है' भारत की राजनीति पर ये दो पंक्तियां सटीक टिप्पणी हैं. चुनाव आते ही वोटरों को लुभाने के लिए जिस तरह राजनीतिक दल और उनके नेता वायदों की बरसात करते हैं, उससे एक नया शब्द ‘रेवड़ी कल्चर’ चर्चा में है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में इस रेवड़ी कल्चर को देश के लिए नुकसानदायक परंपरा बता चुके हैं.
राजस्थान में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वोटरों को फ्री में स्मार्टफोन और तीन साल के लिए फ्री इंटरनेट का वायदा किया है. इससे पहले गहलोत ने राज्य के हर परिवार को हर महीने 100 यूनिट तक फ्री बिजली फ्री देने का ऐलान किया था.
राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश में भी इस साल चुनाव होने हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की सरकार बनने पर हर परिवार को 100 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा किया है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाल ही में 'लाडली बहना योजना' के तहत सवा करोड़ गरीब महिलाओं के खाते में एक हजार रुपये जमा कराए हैं. अब कांग्रेस कह रही है कि उसकी सरकार आई तो हजार नहीं बल्कि 1,500 रुपये दिए जाएंगे. शिवराज ने युवाओं को लुभाने के लिए 12वीं कक्षा के कुल 9000 टॉपर्स को एक-एक स्कूटी देने का भी ऐलान कर दिया है.
चुनावी राज्यों में इस तरह 'मुफ्त बांटने' की योजनाएं आम बात है. विरोध करने वाले इन्हें 'फ्रीबीज' और रेवड़ी कल्चर कहते हैं तो समर्थन वाले इन्हें 'कल्याणकारी योजनाएं' बताते हैं. विरोध करने वालों का अक्सर कहना होता है कि इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा, कर्जा बढ़ेगा और सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा किया जा रहा है. तो ऐसी योजनाएं लाने वाले कहते हैं कि इसका मकसद गरीब जनता को महंगाई से राहत दिलाना है. खास बात ये है कि एक पार्टी जिस तरह की योजना को एक राज्य में रेवड़ी कल्चर कहती है, वही दूसरे राज्य में उसे कल्याणकारी योजना कहकर लागू कर रही होती है.
यही तो है 'रेवड़ी कल्चर'...!
बीते साल जब श्रीलंका का आर्थिक संकट सामने आया तो इसने दुनियाभर की सरकारों को चेता दिया.

गोरखपुर (Gorakhpur) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अलग अंदाज में फूलों और गुलाल से होली मनाई. भगवान नरसिंह जी की भव्य शोभायात्रा में शामिल होकर उन्होंने सनातन धर्म, एकता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश दिया. सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म सत्य और विजय का प्रतीक है, जहां धर्म होगा, वहीं जीत होगी.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

झारखंड के पलामू में हुए एनकाउंटर में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू की मौत के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया है. अनमोल ने अमन को अपना भाई बताते हुए लिखा कि जल्द ही सबका हिसाब होगा. अनमोल बिश्नोई पहले से ही मुंबई के बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और सलमान खान के घर फायरिंग मामले में वांटेड है.

यूपी के बरसाना और नंदगांव में होली का त्योहार अद्भुत तरीके से मनाया जाता है. लड्डू मार होली और लट्ठमार होली यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. राधा जी के मंदिर लाडली जी मंदिर में लड्डू मार होली होती है. इसके अलावा लट्ठमार होली में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को मारती हुई दिखती हैं. इस वीडियो में देखिए बरसाना-नंदगांव की होली.

महाराष्ट्र के पालघर में एक सूटकेस से महिला का कटा हुआ सिर मिलने से सनसनी फैल गई. यह घटना पिरकुंडा दरगाह के पास हुई, जहां कुछ स्थानीय बच्चों ने लावारिस सूटकेस को देखा था. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, जो सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है.

लद्दाख के कारगिल में शुक्रवार तड़के 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर तक महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 2:50 बजे आया और इसकी गहराई 15 किलोमीटर थी. झटके इतने तेज थे कि लोगों की नींद खुल गई और कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.