
रेल से किसान तक... कैबिनेट ने लिए ये 3 बड़े फैसले, आम लोगों को मिलेगी राहत
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कृषि सिंचाई योजना से किसानों के पैदावार में इजाफा होगा. सरकार ने इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में रेलवे प्रोजेक्ट और पंजाब और हरियाणा के बीच एक रोड प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है.
बुधवार 9 मार्च को कैबिनेट की बैठक में 3 बड़े फैसले लिए गए. जिससे आम लोगों से लेकर किसानों तक को राहत मिलेगी. कैबिनेट ने किसानों के लिए सिंचाई सिस्टम को आधुनिक बनाने की योजना को मंजूरी दी है. इसके अलावा रेलवे प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी मिली है. सरकार के इस फैसले से किसानों से लेकर आम लोगों तक राहत मिलेगी.
कृषि सिंचाई योजना से किसानों के पैदावार में इजाफा होगा. सरकार ने इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में रेलवे प्रोजेक्ट और पंजाब और हरियाणा के बीच एक रोड प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है. इन प्रोजेक्ट से उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच यातायात और बेहतर होगा साथ दूसरे प्रोजेक्ट से दिल्ली पंजाब के बीच ट्रैफिक को बेहतर किया जाएगा.
रेलवे प्रोजेक्ट की मिली मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में तिरुपति–पाकाला–काटापाडी सिंगल रेलवे लाइन (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 1332 करोड़ की लागत आएगी. इसके तहत रेलवे नेटवर्क में करीब 113 किमी की ग्रोथ होगी. यात्री और मालगाड़ी दोनों की आवाजाही में सुधार होगा.
इस फैसले से तीन जिलों के लगभग 400 गांवों और 14 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा. अनुमान है कि इससे आस पास के कई अहम तीर्थ व पर्यटन स्थलों के लिए रेल संपर्क बेहतर होगा. इसके अलावा कोयला, सीमेंट, कृषि उत्पाद व खनिजों के परिवहन की क्षमता 40 लाख टन प्रति वर्ष बढ़ेगी.
रोड प्रोजेक्ट की भी मंजूरी वहीं आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय कमेटी ने जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी है. यह छह लेन का बाईपास NH-7 (जीरकपुर-पटियाला) से शुरू होकर NH-5 (जीरकपुर-परवाणू) तक होगा, जिसकी कुल लंबाई 19.2 किमी होगी. यह प्रोजेक्ट पंजाब और हरियाणा राज्यों में 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से हाइब्रिड एन्युटी मोड के तहत बनाई जाएगी.
कृषि सिंचाई योजना की मंजूरी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (M-CADWM) योजना के आधुनिकीकरण को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है. इस उप-योजना के लिए 1600 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि स्वीकृत की गई है. इस योजना का उद्देश्य सिंचाई जल आपूर्ति नेटवर्क को आधुनिक बनाना है, जिससे नहरों या अन्य स्रोतों से किसानों के खेतों तक आसानी से पानी पहुंचाया जा सके.