'रेल यात्रा में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट करें बहाल', अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी
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अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर रेल यात्रा में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बहाल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक साल में 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी और रेल यात्रा में छूट 1600 करोड़ रुपये हैं, जोकि समुद्र में एक बूंद के बराबर है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है. दिल्ली सीएम ने इस बार रेल यात्रा में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बहाल करने की मांग की है. उन्होंने इस छूट को खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इससे पहले सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के बजट को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी.
अरविंद केजरीवाल ने लिखा, "देश के बुजुर्गों को पिछले कई सालों से रेल यात्रा में 50 फीसदी तक की छूट मिल रही थी. इसका लाभ देश के करोड़ों बुजुर्गों को मिल रहा था. आपकी सरकार ने इस छूट को समाप्त कर दिया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. बीते दिनों लोकसभा में आपकी सरकार ने बताया कि रेल यात्रा में बुजुर्गों को दी जा रही छूट को बंद करने से सालाना 1600 करोड़ रुपये की बचत हो रही है."
'दिल्ली सरकार बुजुर्गों को कराती है तीर्थ यात्रा'
एम ने दिल्ली के बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर ले जाने का हवाला देते हुए कहा कि हमारी तरक्की में हमारे बुजुर्गों का आशीर्वाद होता है. उनके बिना आशीर्वाद के कोई व्यक्ति, कोई समाज या कोई देश तरक्की कर ही नहीं सकता. जैसे दिल्ली में हम बुजुर्गों को उनके पसंद के तीर्थ स्थल की फ्री यात्रा करवाने ले जाते हैं. इससे बुजुर्गों को खुशी मिलती है. वो दिल की गहराइयों से हमें आशीर्वाद देते हैं. केजरीवाल ने कहा कि बात पैसे की नहीं, नीयत की है. दिल्ली सरकार अपने 70 हजार करोड़ के बजट में से बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा पर अगर 50 करोड़ खर्च कर देती है तो दिल्ली सरकार कोई गरीब नहीं हो जाती.
'रेल यात्रा में छूट की राशि समुद्र में एक बूंद की तरह'
आने वाले साल में केंद्र सरकार 45 लाख करोड़ रुपये करेगी. इसमें बुजुर्गों की रेल यात्रा में छूट पर मात्र 1600 करोड़ खर्च होते हैं. ये राशि समुद्र में एक बूंद जैसे है. इसके खर्च न करने से केंद्र सरकार अमीर नहीं हो जाएगी और इसके खर्च करने से केंद्र सरकार गरीब नहीं जाएगी, लेकिन जब इसे रोका जाता है तो हम एक तरह से अपने बुजुर्गों को संदेश दे रहे हैं कि हम आपकी परवाह नहीं करते. यह बहुत गलत है और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. इसलिए मेरी आपसे विनती है कि बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द से जल्द इस रियायत को बहाल करने के कष्ट करें.
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