रेप के आरोपी को बेल देते हुए कोर्ट ने कहा- 23 साल की लड़की सही-ग़लत का निर्णय लेने में समर्थ
The Wire
एक लड़की का अश्लील वीडियो बनाकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल करने के एक मामले में आरोपी को ज़मानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी की. एफ़आईआर के मुताबिक, घटना 2016 की है और इस संबंध में पीड़िता ने साल 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में आरोपी को जमानत देते हुए कहा है कि 23 साल की एक लड़की गलत या सही का निर्णय लेने में समर्थ होती है. इस केस में व्यक्ति (याचिकाकर्ता) पर आरोप है कि उन्होंने बलात्कार किया और पीड़िता का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक करने की धमकी दे रहे हैं. लाइव लॉ के मुताबिक, इसे लेकर जस्टिस सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने कहा, ‘इस मामले में साल 2019 में एफआईआर दर्ज की गई थी और पीड़िता की उम्र 26 साल बताई गई है. एफआईआर से पता चलता है कि पीड़िता साल 2016 में मोहाली गई थीं और अपने कोचिंग क्लासेस अटेंड करने के बजाय वे याचिकाकर्ता के साथ मॉल्स, पीवीआर और शोरूम्स इत्यादि जगह पर घूमती-फिरती थीं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि उन्होंने कहा है कि उन्हें बिल्कुल नहीं पता था कि किस तरह याचिकाकर्ता ने उनकी आपत्तिजनक/अश्लील वीडियो बना लिया और शारीरिक संबंध बनाने के लिए कथित तौर पर उन्हें ब्लैकमेल किया. साल 2019 के तीन साल पहले पीड़िता 23 साल की रही होंगी और इस न्यायालय का मानना है कि 23 साल की उम्र में एक लड़की/महिला सही या गलत का फैसला लेने के लिए बिल्कुल समर्थ होती है.’More Related News