रूस-यूक्रेन संघर्ष विराम का भारतीय को नहीं मिला फ़ायदा, कई छात्र अब भी यूक्रेन में फंसे- प्रेस रिव्यू
BBC
रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद भी सुरक्षित मानवीय कॉरिडोर न होने की वजह से भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकालना मुश्किल बना हुआ है.
रूस और यूक्रेन ने शनिवार को संघर्ष विराम का ऐलान किया और मारियुपोल-वोल्नोवाख़ा में मानवीय कॉरिडोर बनाकर नागरिकों को सुरक्षित निकालने पर भी सहमति जताई.
लेकिन पूर्वी यूक्रेन में फंसे भारतीय बाहर निकलने के इन रास्तों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने इस ख़बर को प्रमुखता से छापा है.
यूक्रेन ने कहा है कि रूस ने समझौते का उल्लंघन किया है और हमले जारी रहने की वजह से नागरिकों को निकालने के लिए सुरक्षित मानव गलियारे को खोलना असंभव बन गया है. अख़बार के अनुसार कुछ भारतीय सिर्फ यूक्रेन की पश्चिमी की ओर बढ़ पा रहे हैं, जबकि रूस के साथ लगती पूर्वी सीमा तक वो पहुंचने में असमर्थ हैं.
इधर, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की स्थिति और वहां से जारी बचाव कार्य की समीक्षा के लिए बैठक की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अब सुमी और पिसोचिन के अलावा यूक्रेन के अन्य हिस्सों में ज़्यादा भारतीय नहीं बचे हैं.