
रूस के आख़िरी ज़ार को उनके परिवार के साथ खड़ा कर मारी गई थी गोली- विवेचना
BBC
17 जुलाई 1918 को 103 वर्ष पहले रूस के राज परिवार की एक साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस घटना को याद कर रहे हैं रेहान फ़ज़ल.
1916 में साइबेरिया में बैकाल झील के दक्षिण के एक नगर इरकुस्क में एक बड़ा समारोह हुआ था, जिसका उद्देश्य था इस दूरदराज़ इलाक़े में विश्व युद्ध की विभीषिका झेल रहे लोगों का मनोबल बढ़ाना. रूस के ज़ार या कहें महाराजा निकोलस द्वितीय इस समारोह के मुख्य अतिथि थे. किसी ने कल्पना नहीं की थी कि महज़ एक साल के अंदर वो साइबेरिया वापस लौटेंगे लेकिन रूस के ज़ार के रूप में नहीं, बल्कि एक क़ैदी के रूप में एक साधारण नागरिक की तरह. किसी को इस बात का गुमान भी नहीं था कि हज़ारों राजनीतिक क़ैदियों को साइबेरिया में ज़बर्दस्ती मज़दूरी कराने या निर्वासन की सज़ा देने वाले निकोलस द्वितीय ख़ुद वहाँ एक क़ैदी के रूप में जाएंगे. फ़रवरी 1917 में रूसी क्राँति के बाद सत्ता से बेदख़ल होने के बाद उनको और उनके पूरे परिवार को पहले तबोल्स्क भेजा गया था. संयोग की बात थी कि वहाँ साइबेरिया की सबसे बड़ी जेल थी लेकिन उन्हें क्षेत्रीय गवर्नर के आलीशान बंगले में रखा गया था. कुछ दिनों बाद उन्हें एकाटेरिनबर्ग में स्थानांतरित कर दिया गया था. जुलाई 1918 में रूसी नेतृत्व नें उन्हें और उनके पूरे परिवार को ख़त्म करने का फ़ैसला लिया था.More Related News