
रूस की खुफिया एजेंसी के यूनिट नंबर 29155 की कहानी
BBC
यूरोपीय देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि 'जीआरयू यूनिट 29155' का कहीं तबाही मचाने के लिए, कुछ बर्बाद करने के लिए या फिर किसी का कत्ल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
वैसे तो ये घटना साल 2014 के अक्टूबर महीने की है लेकिन इस राज़ पर पर्दा हाल में जाकर उठा है. चेक रिपब्लिक में हथियारों के एक डिपो में क़रीब सात साल पहले धमाका हुआ था, जिसमें दो लोग मारे गए थे. राज़ खुला, ज़ख्म हरे हुए और चेक रिपब्लिक और रूस के बीच एक बड़े कूटनीतिक संकट की स्थिति पैदा हो गई. लेकिन इसके साथ ही ये सवाल भी खड़े हुए कि रूस के मिलिट्री इंटेलिजेंस की इकाई 'जीआरयू' की क़ाबिलियत क्या थी, क्या उसे रोका जा सकता था और उसने अब तक किन-किन कारनामों को अंजाम दिया है. यूरोपीय देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि 'जीआरयू यूनिट 29155' का कहीं तबाही मचाने के लिए, कुछ बर्बाद करने के लिए या फिर किसी का क़त्ल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.More Related News