
रिलीज़ के बाद फिल्म पर रोक लगाने संबंधी अधिनियम के ख़िलाफ़ फिल्मकारों ने सरकार को पत्र लिखा
The Wire
फिल्मकारों ने कहा है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक असहमति के ख़तरे में पड़ने की आशंका है. बीते अप्रैल में सरकार ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण को ख़त्म करने का फैसला किया था. यह न्यायाधिकरण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा सुझाए गए कटौती से पीड़ित फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए गठित एक वैधानिक निकाय थी.
मुंबई: फिल्मकार विशाल भारद्वाज, मीरा नायर और पा रंजीत जैसी हस्तियों के हस्ताक्षर वाले एक पत्र में कहा गया है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन का सरकार का प्रस्ताव फिल्म बिरादरी के लिए एक और झटका है और इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक असहमति के खतरे में पड़ने की आशंका है. तीन हजार से अधिक हस्ताक्षरों वाले इस पत्र को शुक्रवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भेजा जाएगा. मंत्रालय ने आम लोगों को दो जुलाई तक मसौदा विधेयक पर अपने सुझाव देने के लिए कहा था. केंद्र ने 18 जून को सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2021 के मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की थीं, जिसमें फिल्म पायरेसी (चोरी) पर जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावा इसमें आयु आधारित प्रमाण पत्र दिए जाने और पहले से प्रमाणित फिल्म को शिकायतों की प्राप्ति के बाद पुन: प्रमाणन का आदेश देने के संबंध में केंद्र सरकार को सशक्त बनाने का प्रावधान है.More Related News