रियल एस्टेट कारोबारी हीरानंदानी ग्रुप पर टैक्स चोरी का आरोप, मुंबई समेत तीन शहरों में 25 जगह छापे
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आयकर विभाग ने हीरानंदानी ग्रुप के लगभग 25 जगहों पर छापा मारा. ये कार्रवाई तीन शहरों में की गई. इसमें मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु शामिल है. बता दें कि टीम ने छापे की कार्रवाई कथित टैक्स चोरी के आरोप में की है.
आयकर विभाग ने मंगलवार को मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में एक साथ बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया. जानकारी के मुताबिक विभाग ने देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक हीरानंदानी ग्रुप के लगभग 25 परिसरों की तलाशी ली. सूत्रों के अनुसार छापेमारी की ये कार्रवाई कथित टैक्स चोरी को लेकर की गई है.
इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) समेत समूह के लिए काम करने वाले शीर्ष अधिकारियों के कार्यालयों, सेलिंग एरिया और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई. बता दें कि मुंबई में पवई और ठाणे में परिसरों पर छापे मारे गए. कई टीमें सुबह एक साथ मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु पहुंचीं.
सूत्रों ने Aajtak.in को बताया कि आयकर विभाग की टीम के अधिकारियों ने हीरानंदानी ग्रुप के फाइनेंस, बिक्री और लेनदेन के दस्तावेज खंगाले. बता दें कि हीरानंदानी निर्माण, स्वास्थ्य देखभाल और ऊर्जा में क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक है.
वहीं, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे ग्रुप ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि विदेश में परिवार द्वारा रखे गए ट्रस्ट/संपत्ति पूरी तरह से वास्तविक और सभी कानूनों के अनुरूप है. इसके अलावा आयकर विभाग के अधिकारियों के सभी सवालों का पूरी तरह से समाधान किया जा रहा है. हम इस मामले में पूरे सहयोग का आश्वासन देते हैं.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.