रिजॉर्ट के राज, सनसनीखेज मर्डर और बुलडोजर के एक्शन पर चुप्पी... अंकिता केस में सुलझ नहीं रहीं ये गुत्थियां
AajTak
उत्तराखंड के यमकेश्वर में मौजूद पुलकित आर्य के वनंतरा रिजॉर्ट में बुलडोज़र आखिर किसके हुक्म से चलाया गया? आखिर कौन था जिसने रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने के लिए पीडबल्यूडी यानी पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के इंजीनियर को आदेश दिया? आखिर रातों-रात रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चला कर कोई क्या हासिल करना चाहता था?
अंकिता भंडारी की मौत की वजह जितनी पेचीदा है, उससे भी ज्यादा पेचीदा ये सवाल है कि पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने का हुक्म किसने दिया था? आप शायद यकीन ना करें मगर राज्य का कोई भी ऐसा मंत्री या अफसर नहीं है, जिसे इस बात की जानकारी हो कि बुलडोज़र चलाने का फरमान कहां से आया था? इलाके के डीएम से लेकर एसपी तक को इस बात की जानकारी नहीं. ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि बुलडोज़र चलवाने वाला कौन था? और उसकी मंशा क्या थी?
सवाल पर सवाल उत्तराखंड के यमकेश्वर में मौजूद पुलकित आर्य के वनंतरा रिजॉर्ट में बुलडोज़र आखिर किसके हुक्म से चलाया गया? आखिर कौन था जिसने रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने के लिए पीडबल्यूडी यानी पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के इंजीनियर को आदेश दिया? आखिर रातों-रात रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चला कर कोई क्या हासिल करना चाहता था? कहीं ऐसा करके रिजॉर्ट में जुर्म के सबूत मिटाने की तो कोशिश नहीं की गई? रिजॉर्ट पर बुलडोज़र के सवाल पर क्यों पौड़ी के शासन-प्रशासन ने खामोशी ओढ़ ली है?
मामले में आया जिला पंचायत सदस्य का नाम अंकिता भंडारी मर्डर केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, अंकिता के आरोपी कातिल पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने को लेकर बवाल भी बढ़ता जा रहा है. और इस नए बवाल के बीच जो सबसे बड़ा सवाल है, वो यही है कि आखिर रिजॉर्ट पर रातों-रात किसके कहने पर और क्यों बुलडोज़र चला दिया गया? इस पूरे बवाल को समझने के लिए एक मोबाइल फोन की कॉल रिकॉर्डिंग का जिक्र करना ज़रूरी है, जिसमें बुलडोज़र चलाने को लेकर जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ और पीडब्ल्यूडी के असिस्टेंट इंजीनियर सत्यपकाश के बीच तीखी नोंक-झोंक हो रही है.
23 सितंबर को चला था बुलडोजर अंकिता की मौत के बाद जब पौड़ी पुलिस ने वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया, तो सिर्फ़ उत्तराखंड में ही नहीं पूरे देश में बवाल मच चुका था. ऐसी भयानक और दहलाने वाली वारदात को अंजाम देने के लिए लोग आरोपियों की जबरदस्त लानत-मलामत कर रहे थे और इसी बीच 23 सितंबर की रात को वो मंजर देखने को मिला, जो आम तौर पर उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में अक्सर देखने को मिलता है.
क्राइम सीन पर क्यों हुई कार्रवाई? ये मंज़र था आरोपी की प्रॉपर्टी यानी वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने का. उत्तराखंड से जब ये तस्वीरें सामने आई, तो ज्यादातर लोगों ने इसका स्वागत किया, लेकिन जैसे ही ये सवाल उठा कि पुलिस की सीन ऑफ क्राइम यानी वनंतरा रिजॉर्ट में जांच पूरी करने से पहले ही ये कार्रवाई कैसे कर दी गई, तो फिर बुलडोज़र चलाने को लेकर क्रेडिट लेनेवाले सारे सियासी किरदार बगले झांकने लगे और हालत ये हुई कि शासन प्रशासन से लेकर नेताओं तक ने इस पर चुप्पी साध ली.
CM ने किया था बुलडोज़र चला देने का दावा ऐसे में मामले की तह तक जाने के लिए हमने एक-एक कर पौड़ी पुलिस से लेकर जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं तक से बात की, लेकिन इस तमाम कोशिश के बावजूद ये साफ नहीं हो सका कि आखिर इस कार्रवाई के पीछे किसका हाथ है? ऐसा तब है जब 23 सितंबर की रात को हुई बुलडोज़र चला देने का दावा वाली कार्रवाई के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद ट्वीट कर पुलकित के रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चला देने का दावा किया था, जबकि यमकेश्वर की विधायक रेणु बिष्ट बुलडोज़र चला देने का दावा वाली कार्रवाई की अगुवाई करते हए इसके लिए सीएम को शुक्रिया कह रही थीं.
दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान के परिवार से AIMIM के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. AIMIM दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमाल ने संकेत दिया कि यदि परिवार और स्थानीय लोग चाहें तो पार्टी शाहरुख को चुनाव लड़वाने को तैयार है. इससे पहले AIMIM ने दंगों के एक अन्य आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया था. BJP ने इस पर कहा कि दिल्ली की जनता दंगाइयों को बर्दाश्त नहीं करेगी.
हल्ला बोल के इस खास संस्करण में चर्चा बिहार में 2025 का किंग कौन होगा पर है. लोकसभा चुनाओं में मोदी सरकार की हैट्रिक लगाने के बाद NDA बनाम इंडिया गठबंधन की जो लड़ाई है वो अभी टू-टू पर ड्रॉ है. क्योंकि दो राज्य इंडिया ने जीते दो राज्य इंडिया गठबंधन ने जीते हैं. अब नए साल यानी 2025 में पहले दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है और उसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव की बिसाद बिचने लगेगी. देखें वीडियो.
कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान पक्षी की टक्कर के बाद क्रैश हो गया, जिसमें 42 लोग मारे गए. विमान ने करीब एक घंटे तक लैंडिंग की कोशिश की लेकिन पायलट इसमें विफल रहे. इस बीच जीपीएस में गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. खासकर ग्रोज्नी के पास जीपीएस जैमिंग का संदेह है.